India-Pakistan News: 7 मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अंदर जिन नौ ठिकानों पर हमला किया, वह सिर्फ़ पड़ोसी के आतंकी ढांचे पर हमला नहीं है, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के युद्ध का संकेत है। नौ शिविरों में से कम से कम दो लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर बेस शामिल हैं।
ये दोनों ही आतंकी ट्रेनिंग कैंप्स पिछले कुछ सालों में भारतीय धरती पर हमलों की एक श्रृंखला की योजना बनाने और समन्वय करने में उनकी भूमिका के लिए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर रहे हैं। यह पहली बार है कि जब भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके मुख्यालय और जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर बेस को निशाना बनाया है।
India-Pakistan Attack LIVE News Updates | India Pakistan Tension Situation LIVE Updates
मरकज़ तैयबा मुरीदके पर बरसे था भारतीय बारूद
लाहौर से एक घंटे की दूरी पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक तहसील मुख्यालय मुरीदके है। शेखपुरा जिले में तीन लाख से भी कम आबादी वाला एक छोटा शहर मुरीदके तब चर्चा में आया जब 2000 में मरकज़-ए-तैयबा (या तैयबा सेंटर) की स्थापना हुई थीष जो प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मूल संगठन मरकज़-ए-दावा वल इरशाद (एमडीआई) का मुख्यालय था।
200 एकड़ से ज़्यादा के विशाल परिसर में फैला, मुरीदके का तैयबा सेंटर लश्कर का कमांड और कंट्रोल सेंटर है। यह आतंकियों की भर्ती और प्रशिक्षण केंद्र और एक विचारधारा का स्कूल था। इस परिसर में स्कूल, मस्जिद, चिकित्सा सुविधाएं और आवासीय क्वार्टर थे।
तनाव के चलते अमृतसर-बठिंडा और फिरोजपुर में रेड अलर्ट, ड्रोन अटैक के साए में जागते रहे लोग
TRF ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
भारत के लिए मुरीदके को लक्ष्य के रूप में चुनना विशेष रूप से महत्वपूर्ण था क्योंकि यह भारत पर सबसे जघन्य आतंकवादी हमलों का गढ़ रहा है। कारगिल युद्ध के दौरान कश्मीर में आत्मघाती हमले से लेकर मुंबई में 26/11 के हमलों तक 26/11 के हमलों में बंदूकधारी अजमल कसाब और स्काउट डेविड हेडली ने स्वीकार किया है कि उन्हें मुरीदके में इस सुविधा के अंदर प्रशिक्षण मिला था। द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), वह संगठन जिसने पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है, वह भी लश्कर का मुखौटा ही है। 7 मई को जब भारत ने 1971 के युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान के भीतर घुसकर हमला किया, तो मरकज़ तैयबा स्पष्ट लक्ष्य था।
पूरी दुनिया में टेरर फैलाता है TRS
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मरकज-ए-तैयबा अपने आप में एक शहर है। लश्कर मुख्यालय में वह सब कुछ था जिसकी आतंकी गुर्गों और उनके परिवारों को ज़रूरत थी। यह एक सैन्य मुख्यालय की तरह ही संगठित था और सरकार के बिना समर्थन के इसका संचालन संभव नहीं है। तैयबा केंद्र को पाकिस्तान में “बुराई की जड़” बताते हुए उन्होंने कहा कि मुरीदके सिर्फ़ कश्मीर में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई दूसरे हिस्सों में आतंक का निर्यात करता रहा है। लश्कर के सभी शीर्ष कमांडर वहीं से काम करते थे।
2000 में श्रीनगर के डाउनटाउन में रहने वाले 17 वर्षीय स्कूली छात्र अफाक अहमद ने शहर में 15 कोर मुख्यालय के गेट पर विस्फोटकों से लदी मारुति कार को उड़ा दिया। घाटी में पहला मानव बम कश्मीर के हिंसाग्रस्त इतिहास में एक नए चरण का प्रतीक था। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन द्वारा किया गया था। इसका सरगना मसूद अजहर है। इसे 31 दिसंबर 1999 को हाइजैक आईसी-814 के यात्रियों और चालक दल के बदले में कंधार में छोड़ा गया था।
भारत ने बनाया था निशाना
इसलिए 7 मई को जब भारतीय मिसाइलों ने पाकिस्तान के भीतर तक हमला किया, तो सबसे दूर का लक्ष्य पंजाब के बहावलपुर में एक मस्जिद थी, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। जामिया मस्जिद सुभानअल्लाह तब से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर थी, जब से इसे मसूद अजहर के नेतृत्व वाले जैश-ए-मोहम्मद के नए मरकज के रूप में स्थापित किया गया था।
विशाल उस्मान अली परिसर को निशाना बनाने का निर्णय भारत में आतंक विरोधी अभियान के प्रतीक के तौर पर है। यह जामिया मस्जिद सुभानअल्लाह स्थित है, भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक महत्व रखता है। यहीं से मसूद अज़हर ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख के रूप में भारत पर कुछ सबसे जघन्य हमलों का समन्वय किया था।
बॉर्डर पर सैनिक भेज रहा पाकिस्तान, 26 जगहों पर घुसपैठ की कोशिश, स्कूल और अस्पताल को निशाना बनाया
2019 में पुलवामा हमले में थी इस मरकज की अहम भूमिका
लश्कर के मुरीदके मुख्यालय से 400 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित बहावलपुर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दक्षिणी भाग में आता है। यहां, घनी आबादी वाले औद्योगिक क्षेत्र मॉडल टाउन-बी में जामिया मस्जिद सुभानअल्लाह स्थित थी। 2019 में पुलवामा में हुए कार बम विस्फोट के तुरंत बाद, जिसने भारत और पाकिस्तान को युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया था।
पाकिस्तान ने बहावलपुर शहर के बाहरी इलाके में मस्जिद सुभानल्लाह और अल-साबिर मदरसा पर कब्ज़ा करने का दावा किया था। लेकिन वरिष्ठ आतंकवाद निरोधक अधिकारियों का कहना है कि यह जैश का कमांड सेंटर बना हुआ है, जिसे अजहर नियंत्रित करता है।