जम्मू-कश्मीर के उरी में सीमावर्ती गांवों के लोगों के लिए एक बार फिर मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम का ऐलान हुआ था, जिससे गांववालों को लगा कि अब वे अपने घरों को लौट सकते हैं लेकिन रविवार सुबह जैसे ही कुछ लोग अपने गांव की ओर रवाना हुए, पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया।
खुले में पड़े हैं कई जिंदा गोले और बम
पुलिस ने बताया कि तीन दिन पहले हुई जबरदस्त गोलाबारी के बाद कई बम और गोले बिना फटे हुए जमीन में पड़े हैं, जो किसी भी वक्त फट सकते हैं। ऐसे में लोगों की जान को खतरा है। इसलिए गांव लौटने की इजाजत अभी नहीं दी जा सकती।
घर लौटने की जल्दी न करें – पुलिस की चेतावनी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस बारे में एक पोस्टर और एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें लोगों से अपील की गई है कि जब तक इलाके को पूरी तरह से सुरक्षित घोषित नहीं किया जाता, तब तक वे वापस न लौटें। पुलिस ने चेताया है कि रास्तों, खेतों और घरों में जिंदा गोले हो सकते हैं, जिन्हें छूना जानलेवा साबित हो सकता है। पुलिस ने बताया कि पहले भी कई बार ऐसा हुआ है कि बिना फटे बमों के कारण लोगों की मौत हो चुकी है। साल 2021 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच फिर से युद्धविराम हुआ था, तब लोगों को काफी राहत मिली थी। लेकिन हालिया तनाव के चलते एक बार फिर उरी और आसपास के गांवों में भारी गोलाबारी हो रही है।
20 से ज्यादा लोगों की मौत, चेकपोस्ट पर रोक
बताया जा रहा है कि इस बार की गोलीबारी में 20 से ज्यादा लोगों की जान गई है, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने रविवार को बारामुल्ला-उरी हाइवे पर गंटमुल्ला के पास चेकपॉइंट बनाकर गांव लौट रहे लोगों को रोक दिया। कुपवाड़ा पुलिस ने भी इसी तरह की चेतावनी जारी की है।
पुलिस ने साफ किया है कि जो लोग एडवाइजरी का पालन नहीं करेंगे और खुद से गांव में घुसने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा कारणों से कुछ इलाकों को ‘प्रतिबंधित क्षेत्र’ घोषित किया गया है और वहाँ जाना सख्त मना है।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बारामुल्ला और कुपवाड़ा जिलों के करीब 50,000 लोग या तो खुद सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं या फिर उन्हें सरकारी राहत शिविरों में भेजा गया है। रविवार को जम्मू के कई इलाकों जैसे सांबा और पुंछ में भी बम निरोधक दस्तों को काम पर लगाया गया। वहां भी भारी गोलाबारी हुई थी और कई जगह बिना फटे गोले मिले, जिन्हें सावधानी से नष्ट किया गया। पुलिस की गाड़ियाँ माइक से लोगों को चेतावनी देती रहीं कि वे किसी संदिग्ध चीज को न छुएं।
जम्मू-सांबा-कठुआ रेंज के डीआईजी शिव कुमार शर्मा ने बताया कि 7 मई से ही सेना और पुलिस मिलकर तलाशी अभियान चला रही है, ताकि कोई आतंकी सीमा पार से घुसपैठ न कर सके। पुंछ जिले के SSP शफकत हुसैन ने मेंढर इलाके के मनकोट गांव का दौरा किया और लोगों से कहा कि अगर उन्हें कोई संदिग्ध चीज दिखे तो उसे हाथ न लगाएं और तुरंत पुलिस को खबर दें। उन्होंने कहा कि बम निरोधक दस्ते समय पर कार्रवाई करके जान बचा सकते हैं।