पठानकोट हमले के बाद बदले माहौल ने विदेश सचिव स्तर की बातचीत को फिर टाल दिया है। यह बातचीत शुक्रवार को पाकिस्तान में होनी थी। लेकिन बुधवार रात को ही भारत ने एलान कर दिया कि वह बातचीत पर फैसला टाल सकता है। आखिरकार बेहतर समन्वय कायम कर उठाए गए कदम के तहत भारत और पाकिस्तान ने आपसी सहमति से गुरुवार को सुनिश्चित किया कि पठानकोट आतंकवादी हमला उनके संबंधों और संवादों को पटरी से न उतार पाए। दोनों देशों ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता कुछ दिनों के लिए टाल दी और भारत ने एक पाकिस्तानी एसआइटी के दौरे पर अपनी रजामंदी दे दी। इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भी पुष्टि कर दी कि यह बातचीत कुछ दिनों के लिए मुल्तवी कर दी गई है। इस बीच भारतीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा है कि इस बाबत कोई सूचना नहीं है कि जैशे-मोहम्मद के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज किया गया है कि नहीं।
बहरहाल पाकिस्तान में जैश के करीब एक दर्जन सदस्यों को हिरासत में लिए जाने को एक ‘अहम और सकारात्मक पहला कदम’ बताकर भारत ने इसका स्वागत किया। भारत ने जोर देते हुए कहा कि ‘खोखले बयानों’ से काम नहीं चलेगा और वह जमीनी स्तर पर कार्रवाई चाहता है। विदेश सचिव एस जयशंकर को गुरुवार इस्लामाबाद में अपने पाकिस्तानी समकक्ष एजाज अहमद चौधरी से वार्ता करनी थी। दोनों ने एक-दूसरे से फोन पर बात की और ‘बेहद निकट भविष्य’ में अपनी वार्ता का कार्यक्रम फिर से तय करने पर सहमत हुए। एक अहम फैसले में भारत ने एक पाकिस्तानी एसआइटी को देश में आकर हमले की जांच करने की अनुमति दे दी है और हमले के गुनहगारों को इंसाफ के कठघरे में खड़े करने की खातिर ‘हरसंभव सहयोग’ की पेशकश की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने पत्रकारों को बताया कि पठानकोट हमले की जांच के सिलसिले में बुधवार को पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि हमले से जुड़े आतंकवादी तत्वों के खिलाफ जांच में अच्छी-खासी प्रगति हुई है। प्रवक्ता ने बताया कि जैशे-मोहम्मद के खिलाफ की गई कार्रवाई एक अहम और सकारात्मक पहला कदम है।
बुधवार को पाकिस्तानी मीडिया और भारतीय प्रेस ने अजहर को हिरासत में लेने की खबर प्रमुखता से चलाई थी। हर तरफ से ये खबरें गलत लगीं। लेकिन भारत ने वार्ता को हिरासत से नहीं जोड़ा। स्वरूप ने कहा- हम पठानकोट आतंकवादी हमले के गुनहगारों को इंसाफ के कठघरे में खड़े करने की खातिर भरोसेमंद और व्यापक कार्रवाई के इंतजार में हैं।
दूसरी ओर गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इस बाबत कोई सूचना नहीं है कि इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज किया गया है कि नहीं। पाकिस्तानी एसआइटी के भारत आने के प्रस्ताव से जुड़ी खबरों पर अधिकारियों ने कहा कि वे इस बात पर ध्यान देते हुए जांच के सिलसिले में भारत आकर सबूत इकट्ठा कर सकते हैं कि उनके देश में हमले की साजिश कैसे रची गई। अधिकारियों ने कहा कि चूंकि पाकिस्तान ने एलान किया है कि जैश से जुड़े कई लोगों को पकड़ा गया है, तो उसे यह भी बताना चाहिए कि उसने किस कानून के तहत जांच शुरू की या किस कानून के तहत संदिग्धों को हिरासत में लिया है ।
उन्होंने बताया कि भारत ने पाकिस्तान को कुछ ऐसे मोबाइल नंबरों के बारे में सूचनाएं मुहैया कराई हैं जिन्हें छह आतंकवादियों के आकाओं की ओर से इस्तेमाल में लाया गया था। उन नंबरों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की पहचान पर कोई सूचना नहीं मिल सकी है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों और उनके पाकिस्तानी आकाओं के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी साझा की गई है। पाकिस्तान सरकार को आपराधिक केस दर्ज कर जांच आगे बढ़ानी चाहिए और उन फोन कॉलों पर बातचीत करने वाले लोगों को हिरासत में लेना चाहिए।
गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान को ज्यादा सबूत मांगने का वाजिब हक है। लेकिन पहले उन्हें उन सबूतों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो पहले ही सौंपे जा चुके है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया था कि पठानकोट की घटना से कथित तौर पर जुड़े आतंकवादी तत्वों के खिलाफ की जा रही जांच में अच्छी-खासी प्रगति हुई है।
बयान में कहा गया था, पाकिस्तान में शुरुआती जांच के आधार पर और दी गई सूचना के आधार पर जैशे-मोहम्मद से जुड़े कई लोगों को पकड़ा गया है । संगठन के कार्यालयों का पता लगाया जा रहा है और उन्हें सील किया जा रहा है।
इस्लामाबाद से मिली खबर के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर की वार्ता यहां अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नहीं होंगी। पाकिस्तान ने मसूद अजहर की गिरफ्तारी संबंधी मीडिया रिपोर्टों की भी पुष्टि नहीं की। इन रिपोर्टों पर भारत ने कुछ संदेह व्यक्त किए हैं। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने कहा कि शुक्रवार को होने वाली विदेश सचिव स्तर की वार्ता अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नहीं होगी। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वार्ता का कार्यक्रम फिर से निर्धारित करने के लिए दोनों पक्ष विचार-विमर्श कर रहे हैं।
खलीलुल्ला ने अजहर की हिरासत संबंधी सवालों का जवाब देते हुए कहा, मुझे ऐसी किसी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। मेरे पास पीएमओ की ओर से जारी किए गए बयान के अलावा कुछ भी नहीं है। दो जनवरी को हुए आतंकवादी हमले के बाद से ही इस बात को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा था कि विदेश सचिव स्तर की वार्ता पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हो पाएगी या नहीं। भारत ने पाकिस्तान से कहा था कि विदेश सचिव स्तर की बातचीत का भविष्य पठानकोट हमले को लेकर इस्लामाबाद की ‘त्वरित और निर्णायक’ कार्रवाई पर निर्भर करता है।
* नई दिल्ली ने पाकिस्तानी एसआइटी के दौरे को हरी झंडी दिखाई
* भारतीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस बाबत कोई सूचना नहीं है कि जैशे-मोहम्मद के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज किया गया है कि नहीं।
मुशर्रफ की गीदड़ भभकी: पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने भारत को पठानकोट आतंकवादी हमले के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ कोई भी अवांछित हरकत करने के खिलाफ यह कहते हुए चेतावनी दी है कि उनका देश बदले में ऐसा जवाब देगा जिसे वह कभी नहीं भूलेगा । समां टीवी के अनुसार मुशर्रफ ने कहा, कि अगर भारत पाकिस्तान के खिलाफ कुछ गलत करता है तो हम करारा जवाब देंगे जिसे वह कभी नहीं भूलेगा ।
जैश का मदरसा सील: प्रतिबंधित जैशे-मोहम्मद के भारतीय सीमा के निकट सियालकोट में संचालित एक मदरसे पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने गुरुवार को छापा मारा और उसे सील कर दिया। पंजाब के आतंकवाद निरोधक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उनके विभाग ने यह छापेमारी की। उन्होंने कहा, कोई गिरफ्तारी नहीं हुई लेकिन कुछ किताब, सीडी, कुछ संदिग्धों के राष्ट्रीय पहचान पत्र की प्रतियां जब्त की गईं। गहन छापेमारी के बाद मदरसे को सील कर दिया गया।