जम्मू कश्मीर में शुक्रवार रात शांति रही और नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय-पाकिस्तानी सेनाओं के बीच कोई संघर्ष नहीं देखा गया।भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव के बीच शनिवार को सीजफायर के ऐलान के बाद अब सीमावर्ती गांवों में हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। पंजाब-राजस्थान के कुछ जिलों में सोमवार को भी स्कूल-कॉलेज बंद हैं।
भारतीय सेना ने सोमवार सुबह एक संक्षिप्त बयान में कहा कि जम्मू कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में रात काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। यह हाल के दिनों में पहली शांतिपूर्ण रात रही। पंजाब के सीमावर्ती गांवों फिरोजपुर और पठानकोट में भी हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। पठानकोट में आज सुबह स्थिति सामान्य दिख रही है भारतीय सेना के अनुसार, “जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में रात काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। किसी घटना की सूचना नहीं मिली है, जो हाल के दिनों में पहली शांत रात है।” फिरोजपुर के एक निवासी ने कहा, “शांति बनाए रखनी चाहिए। युद्ध कोई समाधान नहीं है।”
राजस्थान में भी सामान्य हालात
राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में हालात सोमवार को सामान्य होते नजर आए जहां आम जनजीवन हमेशा की तरह शुरू हुआ। पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच इन इलाकों में रविवार की रात भी ‘ब्लैकआउट’ में गुजरी। हालांकि, सोमवार सुबह से हालात सामान्य होते नजर आए और लोग आम दिनों की तरह अपनी दिनचर्या में व्यस्त दिखे। इलाके के प्रमुख शहरों- कस्बों में सुबह सवेरे चाय की थड़ियों और दुकानों पर लोगों की भीड़ रही और वे हमेशा की तरह बातचीत करते दिखे। सीमावर्ती जैसलमेर के निवासी जालम सिंह ने एएनआई से कहा, “अब हालात सामान्य हो गए हैं। पिछली रात शांतिपूर्ण रही।”
उरी में अभी घर नहीं लौट सकते स्थानीय
वहीं, गोलीबारी के चलते सीमावर्ती गांवों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए ग्रामीण भी अब अपने घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि, कश्मीर के उरी में सीमावर्ती गांवों के सैकड़ों निवासियों के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम की घोषणा के बाद घर लौटने की खुशी अल्पकालिक थी।
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रविवार की सुबह जब ग्रामीण अपने घरों की ओर जा रहे थे तो रास्ते में पुलिस ने उनके वाहनों को रोक दिया। कारण बताया गया कि तीन दिनों तक भारी गोलाबारी के बाद बिना फटे गोला-बारूद जान जोखिम में डाल सकते हैं। जम्मू -कश्मीर पुलिस द्वारा जारी एक पोस्टर में घरों को लौट रहे निवासियों को आधिकारिक तौर पर कोई नोटिस जारी होने तक इंतजार करने की सलाह दी गई है।
एडवाइजरी में कहा गया है, “हर परिवार जो आधिकारिक तौर पर पूरी तरह से सुरक्षित होने का इंतजार करता है वह संभावित त्रासदी को रोकता है। रास्ते, खेत और घरों में सक्रिय गोला-बारूद हो सकता है।” परामर्श में अतीत की कुछ घटनाओं को सूचीबद्ध किया गया है, जहां बिना फटे गोले के कारण नागरिकों की जान चली गई थी । पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स
