Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के मालवण के एक शख्स की याचिका पर नोटिस जारी किया है। इसमे नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना शुरू करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के 14 साल के बेटे पर 23 फरवरी को भारत-पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी मैच के दौरान भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप लगाया गया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने मालवण नगर परिषद के चीफ ऑफिसर और एडमिनिस्ट्रेटर को नोटिस जारी किया है। अब मामले की सुनवाई चार हफ्ते के बाद होगी।
वकील फौजिया शकील के जरिये दायर अपनी रिट याचिका में याचिकाकर्ता किताबुल्ला हमीदुल्ला खान ने कहा कि उन्हें नोटिस दिए बिना राजनीतिक दबाव के तहत तोड़फोड़ की गई और यह सुप्रीम कोर्ट के 13 नवंबर 2024 के फैसले का उल्लंघन है। वकील फौजिया शकील की याचिका में कहा गया कि हालांकि एफआईआर में दावा किया गया है कि खान, उनकी पत्नी और उनका बेटा भारत विरोधी नारे लगा रहे थे, लेकिन वास्तविक घटनाएं अलग थीं। खान ने दावा किया कि शराब की दुकान के पास दो लोगों ने उस समय उनके बेटे की दुकान पर हमला किया जब वह मस्जिद से लौटने के बाद चिप्स खरीदने के लिए वहां रुके थे।
नीलेश राणे ने नगर निगम अधिकारियों को लिखा था पत्र
वकील ने बताया कि बाद में रात में भीड़ उनके घर आई और उन्हें और उनके माता-पिता को पीटा। उन्होंने बताया कि सचिन वराडकर नाम के शख्स की शिकायत पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और दंपति को 24 फरवरी को हिरासत में लिया गया था, लेकिन अगले दिन उन्हें जमानत मिल गई। उन्होंने कहा कि घटना के बाद स्थानीय विधायक नीलेश राणे ने नगर निगम अधिकारियों को पत्र लिखकर उनके और परिवार के सदस्यों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने को कहा।
भारत की जीत पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले लड़के के चाचा का दावा
एक कमरे वाले घर को तोड़ दिया था
इस याचिका में कहा गया है कि पूरे घटनाक्रम के बाद नगर निगम अधिकारियों ने 24 फरवरी को दोपहर करीब 1-2 बजे दुकान और एक कमरे वाले घर को इस आधार पर तोड़ दिया कि यह अवैध था। याचिका में कहा गया है कि तोड़फोड़ के बाद राणे ने एक्स पर पोस्ट करके मालवन नगर परिषद प्रशासन और पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने के लिए धन्यवाद दिया। खान ने कहा कि 24 फरवरी को उनके भाई की कबाड़ की दुकान भी तोड़ दी गई क्योंकि वह उनसे संबंधित था।
खान ने बताया कि हालांकि इलाके में कई अन्य घर भी थे, लेकिन केवल उनके घर और परिवार की कबाड़ की दुकानों को ही तोड़ा गया। उन्होंने बताया कि तोड़फोड़ के बाद मौके पर जमा हुए लोगों ने उनके घर और दुकान को लूट लिया। इससे करीब 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ। इसके लिए वह अधिकारियों से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। पूरी खबर यहां क्लिक कर पढ़ें…