2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर प्रचार और तैयारी तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी अपनी रणनीति को धार देने का काम कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी खुद को एकजुट कर एक मजबूत विकल्प बनने की कोशिश में लगा है। इसी कड़ी में अब तक विपक्ष की पटना और बेंगलुरू में दो अहम बैठकें हो चुकी हैं। दोनों ही बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, आपसी समझौते पर सहमति बनी और बीजेपी को हराने की कसमें खाई गईं।
मुंबई में एकजुट होगा विपक्ष
अब एक बार फिर पूरा विपक्ष एकजुट होने जा रहा है। इस बार की बैठक मायानगरी मुंबई में होने जा रही है। बताया जा रहा है कि 25 और 26 अगस्त को ये बैठक हो सकती है। इससे पहले पटना बैठक की अगुवाई नीतीश कुमार ने की थी, बेंगलुरू बैठक की अगुवाई कांग्रेस ने और अब महाराष्ट्र में ये काम उद्धव ठाकरे और शरद पवार कर सकते हैं।
शरद पवार के मन में क्या चल रहा है?
वैसे इस समय एनसीपी प्रमुख शरद पवार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। असल में जब से अजित पवार ने शरद पवार से मुलाकात की है, उनके गुट के कई नेता से बात की है, अटकलें लग रही हैं कि क्या एक बार फिर कोई खेल हो सकता है। बताया जा रहा है कि शरद पवार गुट के जो विधायक हैं, वो खुद इस बात से बेचैन चल रहे हैं। हर कोई जानना चाहता है कि एनसीपी प्रमुख के मन में क्या चल रहा है।
इंडिया नाम पर बवाल
बेंगलुरू बैठक की बात करें तो उसमें सबसे बड़ा ऐलान ये हुआ था कि गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया। ये एक बड़ा सियासी दांव माना गया क्योंकि विपक्ष ने सीधे-सीधे खुद को देश से जोड़ दिया और लोगों के साथ कनेक्ट बनाने की कोशिश की। ये अलग बात है कि उस नाम पर विवाद भी देखने को मिला। एक FIR तो पहले ही दर्ज हो चुकी है और पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के दूसरे तमाम नेता भी विपक्ष पर हमलावर है। कोई कह रहा है कि नाम बदलने से कुछ नहीं होने वाला तो कोई सीधे-सीधे परिवारवाद, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों के जरिए उस एकता की हवा निकालने में लगा है।