भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र इसरो ने गुरुवार को अपने सातवें नेविगेशन सेटेलाइट IRNSS-1G का सफलतापूर्वक टेस्ट किया। इसे PSLV-C33 लॉन्च व्हीकल के जरिए श्रीहरिकोटा स्थित केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। IRNSS-1G का वजन 1425 किलो है। भारतीय समयानुसार इसे दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया। लॉन्च के लिए उल्टी गिनती मंगलवार सुबह 9.20 बजे शुरू हुई थी।
बता दें कि इसरो ने इससे पहले छठे नेविगेशन सेटेलाइट IRNSS-1F को दस मार्च को लॉन्च किया था। IRNSS सिस्टम के पहले सेटेलाइट को जुलाई 2013 में छोड़ा गया था।
क्या है अहमियत?
भारत द्वारा महज सात सेटेलाइट के जरिए नेविगेशन सिस्टम बनाना एक बड़ी कामयाबी है। भारत अब उन पांच देशों में शामिल हो गया है, जिनका अपना दिशासूचक सिस्टम या जीपीएस है।
जीपीएस के लिए अब तक दुनिया में तीन बड़े देशों के सिस्टम ही व्यवसायिक तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। इन सिस्टमों को उनके देश की सेना भी इस्तेमाल करती है। दुनिया में जो नेविगेशन सिस्टम सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, उसे GPS कहते हैं। इसका नियंत्रण अमेरिकी सेना के पास है। रूस के नेविगेशन सिस्टम का नाम GLONASS है। वहीं, चीन भी अपने नेविगेशन सिस्टम BeiDou का विस्तार कर रहा है। इसे भी चीन की सेना ही नियंत्रित करती है। वहीं, यूरोप का GALILEO एक सिविल ग्लोबल सिस्टम है। इन सभी सिस्टम में 28 से 35 सेटेलाइट इस्तेमाल होते हैं।
भारतीय नेविगेशन सिस्टम IRNSS की खासियत
>जहां तक भारतीय जीपीएस सिस्टम IRNSS की बात है, यह न केवल ज्यादा सटीक होगा, बल्कि भारत के कंट्रोल में भी होगा। उम्मीद की जा रही है कि भारतीय क्षेत्रों में यह सिस्टम 20 मीटर से कम दूरी तक की सटीक जानकारी देगा। इससे 1500 वर्ग किमी तक के इलाके की सही जानकारी मिल सकेगी।
>IRNSS को आम लोगों के अलावा कमर्शियल इस्तेमाल भी हो सकेगा। इसके अलावा, सेना और मिसाइल संबंधित प्रणाली में भी इसे यूज करने की योजना है।
>सूत्रों के मुताबिक, अगले तीन से छह महीनों तक IRNSS के सभी सेटेलाइट्स के सिग्नल और परफॉर्मेंस वगैरह जांची जाएगी। इसक बाद, इसे इस्तेमाल में लाया जा सकेगा।
>इस नेविगेशन सिस्टम का कंट्रोल बेंगलुरु में है और इसके ट्रैकिंग सेंटर देश भर में बनाए गए हैं।
>इसरो का कहना है कि नेविगेशन सिस्टम के लिए चार ही सेटेलाइट काफी हैं, लेकिन सात के होने से यह और ज्यादा सटीक होगा।
लॉन्च का वीडियो देखने के लिए क्लिक करें
#WATCH ISRO launches IRNSS-1G to complete India’s own navigational satellite system from Sriharikota.https://t.co/yZfB01lLsU
— ANI (@ANI_news) April 28, 2016
This is a precious gift given by Indian scientists to the people of nation: PM Narendra Modi #IRNSS-1G pic.twitter.com/4G7FoAanlo
— ANI (@ANI_news) April 28, 2016