भारत ने चीन और तुर्की को कड़ा संदेश दिया है। दोनों देशों से उसकी चिंताओं के प्रति संवेदनशील होने का कहा है। बीते 7 से 10 मई तक भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव की स्थिति बनी हुई थी। ऐसी स्थिति में तुर्की और चीन ने भारत के खिलाफ उपकरण और हथियार मुहैया कराकर पाकिस्तान का सहयोग किया था। अब लगभग 2 सप्ताह बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि तुर्की पाकिस्तान में सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह करेगा। संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनाए जाते हैं।”

जायसवाल ने चीन के बारे में कहा, “हमारे एनएसए और चीनी विदेश मंत्री तथा सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि श्री वांग यी ने 10 मई, 2025 को एक-दूसरे से बात की थी, जब एनएसए ने पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख से अवगत कराया था। चीनी पक्ष इस बात को जानता है कि आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता भारत-चीन संबंधों का आधार बने हुए हैं।”

जांच में पता चला था तुर्की ड्रोन की बात

9 मई को, उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर घुसपैठ करने की पाकिस्तान के प्रयास के बाद मलबे की प्रारंभिक जांच से पता चला था कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन तुर्की मूल के थे, जो सोंगर सशस्त्र ड्रोन प्रणाली थी।

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सोंगर एक सशस्त्र ड्रोन प्रणाली है जिसे असिसगार्ड द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है। ये ड्रोन असिस इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रणाली का हिस्सा है, जो कम तीव्रता वाले संघर्षों के लिए बल-गुणक के रूप में काम करता है। यह तुर्की सशस्त्र बलों (TAF) द्वारा संचालित होने वाला पहला घरेलू सशस्त्र ड्रोन सिस्टम है। यह तुर्की का पहला स्वदेशी ड्रोन है जो मशीन गन से लैस है।

12 मई को, ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने और भारत द्वारा पाकिस्तान के अधिकतर हवाई हमलों को विफल करने के बाद नई दिल्ली ने पहली बार पाकिस्तान के शस्त्रागार में चीन द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का नाम लिया। जिनका इस्तेमाल भारतीय सेना के खिलाफ किया गया था। इसकी जानकारी एयर ऑपरेशन के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने सेना की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मिसाइलों के अवशेषों के साक्ष्य प्रस्तुत किए थे। मार्शल भारती ने कहा था, “आप स्क्रीन पर इसके टुकड़े देख सकते हैं।” उन्होंने भारत में गिरे पीएल-15 के मलबे को दिखाते हुए कहा था, जिसमें पंजाब के होशियारपुर से बरामद अपेक्षाकृत बरकरार पिछला हिस्सा भी शामिल था।