बीती 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में कर्नल संतोष बाबू समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। अब सूत्रों के हवाले से पता चला है कि भारतीय सैनिकों पर चीनी सैनिकों ने तेज धारदार हथियारों से हमला किया था। कई शहीद सैनिकों के शरीर में कई फ्रैक्चर भी मिले हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प कितनी बर्बर थी।

भारतीय सैनिक इस दौरान बहुत बहादुरी से लड़े और उन्होंने चीनी सैनिकों को भी काफी नुकसान पहुंचाया। पीएम मोदी ने भी 17 जून को दिए अपने एक बयान में कहा था कि “देश को इस बात का गर्व होगा कि हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं।” दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच हुई लड़ाई कई घंटे चली। कई भारतीय सैनिक पानी में डूबने से शहीद हुए।

लद्दाख के लेह स्थित सोनम नुरबु मेमोरियल अस्पताल के एक डॉक्टर, जिन्होंने शहीद सैनिकों के शव देखे, उन्होंने पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि “सैनिकों के शव देखकर लग रहा था कि उन्होंने घातक तरीके से लड़ाई लड़ी थी। ऐसा लगता है कि भारतीय सैनिकों ने कई चीनी सैनिकों को मारा। घाव देखकर लग रहा था कि उन्हें किसी धारदार हथियार से मारा गया। वहीं कई सैनिकों की हड्डियां भी टूटी हुई थी।”

सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि घायल सैनिकों से बातचीत में पता चला है कि “जब उनके कमांडिंग अफसर पर हमले का पता चला तो भारतीय सैनिकों के पास लड़ाई में काम आने वाला जो भी सामान था, उसे लेकर मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने चीनी सैनिकों पर जोरदार हमला बोला और चीनी सैनिकों से ही उनके हथियार छीनकर उन्हीं से उन्हें मारा।”

बता दें कि रविवार को लेह पूरी तरह से लॉकडाउन था। दरअसल प्रशासन ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन किया हुआ है। इस दौरान खाली सड़कों पर सिर्फ पुलिस और सुरक्षाबलों के वाहन दिखाई दिए। बता दें कि गलवान की घटना के बाद से बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों को एलएसी पर भेजा जा रहा है।

शनिवार को भी लद्दाख में कोरोना के 92 मरीज मिले हैं। जिसके बाद यहां मरीजों का कुल आंकड़ा 712 हो गया है। इनमें से 146 लेह में और 572 कारगिल जिले में हैं।