भारत चीन के बीच जारी सीमा विवाद काफी गंभीर हो गया है। दरअसल चीन ने दावा किया है कि भारतीय जवानों की तरफ से उकसावे के लिए फायरिंग की गई है। हालांकि भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर भारतीय जवानों द्वारा फायरिंग करने की बात को नकारा है। भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों पर ही हवाई फायरिंग करने का आरोप लगाया है। हालांकि इस पूरे विवाद में जो सबसे अहम बात है वो ये है कि भारत चीन सीमा पर 20 अक्टूबर 1975 के बाद पहली बार फायरिंग हुई है।

सीमा विवाद को लेकर बीते जून माह में लद्दाख की गलवान घाटी में भी भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए थे। हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे और चीन को भी नुकसान उठाना पड़ा था। हालांकि चीन की तरफ से उसे हुए नुकसान को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया। खास बात ये है कि गलवान में हुई हिंसक झड़प के दौरान भी गोली नहीं चली थी।

जानिए क्यों हुआ था 1975 में विवादः दरअसल उस वक्त असम राइफल्स के जवानों की एक पेट्रोल पार्टी अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला इलाके में गश्त कर रही थी, तभी चीनी सैनिकों ने अवैध रूप से भारतीय सीमा में प्रवेश कर घात लगाकर भारतीय जवानों की पेट्रोल पार्टी पर हमला बोल दिया था। अचानक हुए इस हमले में भारतीय सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे।

जहां भारत का दावा है कि चीनी सैनिकों ने घात लगाकर भारतीय इलाके में भारतीय पेट्रोलिंग दल पर हमला किया। वहीं चीन का दावा था है कि भारतीय सैनिकों ने चीनी इलाके में घुसकर एक सिविलयन को गोली मारने की कोशिश की थी, जिसके बाद आत्मरक्षा में भारतीय जवानों को गोली लगी थी।  1975 से पहले साल 1967 में भी सिक्किम सीमा पर भारत और चीन के जवानों में खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे। वहीं बड़ी संख्या में चीन के सैनिक मारे गए थे।

गौरतलब है कि भारत चीन सीमा पर गोलीबारी होना दोनों देशों के बीच 1993, 1996 और 2013 में हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन हैं। इन समझौतों का मकसद सीमा पर शांति कायम करना था। 1993 के समझौते के तहत दोनों देशों ने एलएसी के दोनों तरफ कोई एक्टिविटी करने और एलएसी में किसी भी तरह के बदलाव पर रोक लगा दी थी। 1996 के समझौते के तहत दोनों देशों के सैनिक किसी विवाद की स्थिति में खुद को काबू रखेंगे और और विवाद को खत्म करने के लिए जरुरी कदम उठाएंगे। इसी समझौते के तहत दोनों देशों की तरफ से एलएसी के 2 किलोमीटर के इलाके में फायरिंग करने पर भी रोक लग गई थी।