इस साल जनवरी 2020 से लेकर अब तक चीन चीन द्वारा भारत को किए जाने वाले निर्यात में 24.7 फीसदी यानि कि करीब 32.28 बिलियन डॉलर की भारी-भरकम गिरावट आयी है। चीन सरकार के कस्टम डाटा से यह खुलासा हुआ है। यह गिरावट ऐसे समय दर्ज की गई है, जब सीमा पर तनातनी के बीच भारत में चीन के सामान के बहिष्कार की मांग जोर पकड़ रही है। वहीं भारत से चीन निर्यात होने वाले सामान में तेजी देखी गई है और इस साल जनवरी से अब तक यह 6.7 फीसदी यानि कि 11.09 बिलियन डॉलर बढ़ चुका है।

इसी तरह चीन का भारत के साथ व्यापार इस साल जनवरी से अब तक करीब 18.6 फीसदी कम हुआ है। हालांकि जुलाई में चीन के भारत को किए जाने वाले निर्यात में थोड़ी तेजी आयी है। जहां जून 2020 में चीन ने भारत को 4.79 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया था। वहीं जुलाई 2020 में यह बढ़कर 5.6 बिलियन डॉलर हो गया है।

लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प और उसमें भारतीय सेना के 20 जवानों की शहादत के बाद सरकार ने चीनी सामान के देश में आने की समीक्षा की। इसके बाद डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने जुलाई में चीन से आने वाले टेलीविजन सेट्स के आयात पर रोक लगा दी थी।

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान भारत ने चीन से 300 मिलियन डॉलर और वियतनाम से 400 मिलियन डॉलर के टीवी सेट्स आयात किए थे। इस तरह भारत ने बीते वित्तीय वर्ष में कुल 781 मिलियन डॉलर के टीवी सेट्स आयात किए थे। फिलहाल सरकार स्थानीय स्तर पर ही टीवी सेट्स बनाने के लिए प्रेरित कर रही है।

सरकार चीन से मेटल, लैपटॉप और मोबाइल फोन के लिए इलेक्ट्रोनिक सामान, चमड़े का सामान, खिलौने, रबर, टैक्सटाइल, एयर कंडीशनर और टेलीविजन आदि के आयात को कम करने की कोशिश कर रही है।

स्मार्टफोन मार्केट में भी चाइनीज कंपनियों का शेयर घटा है। मार्च 2020 की तिमाही में भारत के स्मार्टफोन बाजार में चीन की हिस्सेदारी 81 फीसदी थी, जो कि जून 2020 में घटकर 72 फीसदी पर आ गई है। स्थानीय स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार 20 सेक्टर में सामान को आयात पर लाइसेंस व्यवस्था लागू करने पर भी विचार कर रही है, ताकि विदेशी सामान पर निर्भरता कम की जा सके।