India-China: भारत-चीन सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारतीय सेना ने अपने जवानों से एलएसी पर युद्ध की स्थिति की तरह मुस्तैद रहने को कहा है। सेना के टॉप अधिकारी ने बताया कि अपने 20 जवानों को खोने के बाद अब भारत ने फैसला कर लिया है कि चीन अगर चालबाजी से अपने कदम आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा तो उसे अब भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि अब भारत की सीमा प्रबंधन पर शाति बनाए रखने की नीति बदल गई है और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लिए जब चाहे चले आने का विकल्प खत्म हो गया है।
अधिकारी ने कहा कि गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद भारतीय सेना इस वक्त 3,488 KM लंबी LAC और पूर्वी क्षेत्र पर अब तक की सबसे ज्यादा अलर्ट पोजिशन में तैनात है। इधर चीन ने भी एलएसी पर अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा दी है। खासतौर पर गलवान घाटी, दौलत बेग ओल्डी, देपसांग, चुशुल और पूर्वी लद्दाख के अन्य ऐसे क्षेत्रों ऐसा किया गया है। मगर भारतीय रक्षा दल इससे हैरान नहीं है, क्योंकि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक एलएसी के साथ लगभग युद्ध जैसी चेतावनी के साथ सेना किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है।
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उदाहरण के लिए पूर्वी लद्दाख में LAC के पास फॉरवर्ड क्षेत्रों में 15,000 से अधिक भारतीय सैनिक तैनात हैं और उनके पीछे इससे भी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की गई है। टीओआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बकौल अधिकारी हमारे सैनिक पीछे नहीं हटेंगे। हमारी क्षेत्रीय अखंडता पर कोई समझौता नहीं होगा। चीनी ने कार्टोग्राफिक आक्रामकता का यह खेल कई बार बहुत लंबे समय तक खेला है। वो हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करते हैं और मनमाने ढंग से दावे करते हैं। उन्हें दोहराते रहते हैं, जैसे वो सच हैं। इसके लिए बाद में भारत को आक्रमक बताते हैं। उन्होंने आगे बताया कि अब इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। पीएलए को क्षेत्र को हथियाने के लिए किए जाने वाली हर कोशिश के लिए भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।