भारत चीन के बीच सीमा पर हुए संघर्ष को लेकर  देशभर में आक्रोश है। मोदी सरकार की विदेश नीति से लेकर चीन की कायराना हरकत तक पर सवाल उठ रहे हैं।इसी कड़ी में एक पत्रकार से बातचीत के दौरान पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल भड़क उठे। उन्होंने कहा कि सरकार हमारी सेना को नपुंसक बना रही है। वहीं एक और मिलिट्री एक्सपर्ट ने कहा कि यह घटना जवानों की बर्बर हत्या की है। पीएम मोदी को  साफ-साफ बताना चाहिए कि वहां क्या हो रहा है।

पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शंकर से बातचीत के दौरान पत्रकार बरखा दत्त ने 1996 के प्रोटोकॉल की बात कही। इस पर उन्होंने कहा कि मुझे यह नहीं पता कि सेना के जवानों के पास हथियार थे या नहीं थे। लेकिन विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि सेना के जवानों के पास हथियार थे। मैं पूछना चाहता हूं कि हथियार होने के बाद भी हमारे 20 जवान शहीद हो गए। हम क्या सेना को नपुंसक बना रहे हैं? हमारे सेना लाठी डंडे से लड़ाई के लिए नहीं बनी है। हम क्या कर रहे हैं।

रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग ने बातचीत के दौरान कहा कि यह अब तक की सबसे बर्बर हत्या है। भारतीय सेना के जवानों के साथ ऐसा कभी नहीं हुआ। सेना के जवानों के पास हथियार नहीं होने की बात को सेना के हाई कमान के पास ले जाना चाहिए। सेना इस परिस्थित को इस तरह से डील नहीं करती। सेना के जवानों ने हथियार नहीं ले जाने का फैसला क्यों किया इसपर बात होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इस घटना से चकित हूं कि सेना हथियार के बिना क्यों गई।

उन्होंने कहा कि जब आपको पता था कि पहले से फेसऑफ की घटनाएं हो रही हैं तो आप बिना हथियार के वहां क्यों गए। ऐसा लगता है जैसे सेना इस घटना के इंतजार में थी। यह काफी भयानक है। देश के प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि हकीकत क्या है और भारत-चीन की सीमा पर हो क्या रहा है।

बता दें कि गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे।