भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प को लेकर पीएम मोदी के बयान को चीन ने अपने सोशल प्लैटफॉर्म्स से हटा दिया है। चीन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों  ने बताया कि चीन संग तनातनी को लेकर पीएम मोदी और विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान को  वेइबो सहित दो चीनी सोशल मीडिया साइटों ने हटा लिया है। चीन ने यह कदम तब उठाया है जब गलवान घाटी में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गए हैं।

बता दें कि साइना वेइबो ट्विटर की तरह ही सोशल मीडिया साइट है। इसे चीन में लाखों लोग इस्तेमाल करते हैं।दुनिया के कई नेताओं ने चीनी जनता से संवाद करने के लिए इस सोशल मीडिया साइट पर अपना अकाउंट बनाया है।

भारतीय दूतावास के प्रवक्ता की टिप्पणी को इसी तरह से वीचैट पर बने दूतावास के आधिकारिक अकाउंट से भी हटा दिया गया। इसके स्थान पर संदेश था जिसमें वीचैट ने लिखा ‘नियमों का उल्लंघन करने की वजह से यह सामग्री नहीं देखी जा सकती।’

श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा था कि चीन को अपनी गतिविधि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपने अधिकार क्षेत्र में सीमित रखनी चाहिए और यथा स्थिति बदलने के लिए कोई एकतरफा कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर 18 जून को की टिप्पणी भी वीचैट पर उपलब्ध नहीं है। उस पृष्ठ पर लिखा गया है कि ‘यह सामग्री लेखक ने हटा ली है’ जबकि दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने इसे नहीं हटाया है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत जाया नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर मुहंतोड़ जवाब देने में भी सक्षम है।
भारतीय दूतावास के वेइबो और वीचैट पेज का हजारों लोग अनुकरण करते हैं। भारतीय दूतावास ने वेइबो पेज पहले शुरू किया था जबकि वीचैट ग्रुप की दूतावास ने इस साल जनवरी में बनाया था। मोदी ने 2015 के चीन दौरे के दौरान वेइबो पर अकाउंट बनाया था और इसके जरिए चीनी जनता से संवाद जारी रखे हुए हैं। हालांकि इस अकाउंट पर हालिया सैन्य झड़प संबंधी कोई पोस्ट नहीं डाली गई है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार रात को गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में कर्नल सहित 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। चीन ने स्वीकार किया इस झड़प में उसके जवान भी हताहत हुए हैं, लेकिन उसने हताहत सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।

(भाषा इनपुट्स के साथ)