भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के अपने संकल्प को प्रदर्शित करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से “सांकेतिक वापसी” के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है। वहीं, इस मुद्दे पर दोनों पक्ष बुधवार को एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता करने वाले हैं। मामले के बारे में जानकारी रखने वालों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि पैंगोंग सो और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में हालांकि रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। सैनिकों की वापसी के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय या विदेश मंत्रालय की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस मामले पर चीन की तरफ से भी कोई जानकारी नहीं दी गई है। सैन्य सूत्रों ने कहा कि चीनी और भारतीय सेनाओं ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और गश्त के क्षेत्र पीपी-15 से अपने कुछ सैनिक वापस बुलाए हैं और अस्थायी ढांचों को भी हटाया है।

उन्होंने कहा कि दोनों देश क्षेत्र में तनाव और कम करने के लिये बुधवार को मेजर जनरल स्तर की बातचीत करेंगे। भारतीय और चीनी सैनिकों में पैंगोंग सो इलाके में पांच मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष वहां आमने-सामने थे और गतिरोध बरकरार था। यह 2017 के डोकलाम घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध बन रहा था।

विवाद खत्म करने के लिए अपने पहले गंभीर प्रयास के तहत लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर मेजर जनरल लियु लिन ने शनिवार को व्यापक बातचीत की। इससे हालांकि कोई ठोस परिणाम नहीं निकल सका।

विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा था कि बैठक “सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण” में हुई और दोनों पक्ष इस पर सहमत थे कि इस मुद्दे का “शीघ्र समाधान” दोनों देशों के बीच रिश्तों को और विकसित करने में मदद करेगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने और बातचीत के जरिये गतिरोध को सुलझाने पर सहमत हैं।