India-China Face-off: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में पड़ोसी देश के सैनिकों के हताहत होने पर केंद्र सरकार की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। केंद्रीय मंत्री और रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने शनिवार (20 जून, 2020) को दावा किया भारत ने भी चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को मार गिराया है। 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
जनरल वीके सिंह ने कहा कि अगर हमारे बीस सैनिक शहीद हुए हैं तो उनके (चीन) दोगुने से ज्यादा सैनिक मारे गए। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है। चीन संख्या छिपाता है। साल 1962 के युद्ध में भी उसने हताहतों की संख्या को स्वीकार नहीं किया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ चीन ने ही भारत के सैनिक नहीं लौटाए, बल्कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाए हैं।
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सिंह ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिक पकड़े थे और बाद में उन्हें लौटाया था। इसी तरह हमने भी चीन के सैनिक पकड़े, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले 45 सालों में ऐसा पहली बार है जब एलएसी पर भारत-चीन सैनिकों के बीच इतनी गंभीर झड़प हुई। इस झड़प में कर्नल सहित भारतीय सेना के बीस जवान शहीद हो गए। इसमें चीन को भी भारी नुकसान हुआ है और उसके 43 सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि चीन ने आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।
गलवान घाटी के बारे में मौजूदा स्थिति के बारे में बताते हुए पूर्व आर्मी चीफ ने कहा कि गलवान घाटी में जो इलाका भारत के पास था, वो अभी भी हमारे पास ही है। सिंह के मुताबिक झगड़ा पेट्रोल प्वाइंट 14 को लेकर हैं, ये अभी भी भारत के नियंत्रण में हैं। गलवान घाटी का एक हिस्सा चीन के पास और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है। रिटायर्ड जनरल ने कहा कि चीन 1962 से वहां जमा है मगर हम भी वहां से हिले नहीं हैं।