लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के पास की हाई रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण से पता चलता है कि चीन ने न केवल झील के किनारे स्थित पर्वतों में और फिंगर्स में यथास्थिति को बदल दिया है, बल्कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सटे विवादित क्षेत्र में “पर्याप्त” निर्माण भी किए हैं। कर्नल एस डिन्नी, जो 2015 से 2017 के बीच पैंगॉन्ग त्सो में भारतीय सेना की एक बटालियन के कमांडिंग अफसर थे, ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि 27 मई की तस्वीरों को देखने से साफ जाहिर होता है कि वहां संरचनात्मक कार्य हुए हों जो तीन साल पहले नहीं थे।

उन्होंने कहा, “यह निश्चित रूप से पहले नहीं था। यह एक सामान्य बात भी नहीं है जो फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच चलती है। इसे हम विवादित क्षेत्र में यथास्थिति में बदलाव कहते हैं।” कर्नल डिन्नी ने कहा, “इस क्षेत्र में पहले से चीनी तंबू मौजूद रहे हैं, लेकिन इतने पैमाने पर पहले कभी नहीं थे। अब जो संरचनाएं दिखाई दे रही हैं, यह भारत को स्वीकार्य नहीं होगा।” उन्होंने कहा, “चीन सैनिकों के लिए “हजारों” घर बनाने में वहां सक्षम नहीं हो सकता है, लेकिन निश्चित रूप से पर्याप्त संख्या में उन्हें वहां पर समायोजित किया जा सकता है।”

Coronavirus in India Live Updates:

कर्नल डिन्नी ने कहा, “इस बार पर्याप्त संख्या में टेंट दिखाई दे रहे हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है। हालांकि, कोई यह नहीं बता सकता कि वहां अभी कितने सैनिक हैं और क्या उन्हें हटा दिया गया है?” उन्होंने कहा, “इस तरह की गतिविधियां पहले भी हुई हैं। सभी संभावनाओं में जनरलों के बीच बातचीत के बाद इसे भी बंद कर दिया जाएगा। मैं कुछ और नहीं देखता जो हमारे पक्ष में स्वीकार्य हो।”

प्लैनेट लैब्स द्वारा उपलब्ध कराई गई 27 मई की सैटेलाइट इमेज में दर्जनों नई संरचनाएं दिखती हैं। सबसे अधिक संभावना टेंट की है जो कि पोंगॉन्ग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 8 और फिंगर 4 के बीच  हैं, और जो वर्तमान गतिरोध में मुख्य बिंदुओं में से एक है। बता दें कि ये पहाड़ियाँ उँगलियों की तरह झील में फैल जाती हैं। इन्हें 1 से 8 तक पश्चिम से पूर्व की ओर क्रमांकित किया गया है। भारत के अनुसार, एलएसी फिंगर 8 पर स्थित है, लेकिन चीन फिंगर 4 की ओर इशारा करता रहा है।

कर्नल डिन्नी ने कहा, फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच की दूरी,लगभग 8 किमी है। इसका मतलब यह होगा कि चीनियों ने अब उस क्षेत्र के अंदर 8 किमी का डेरा डाल दिया है जिसका भारत दावा करता है। उन्होंने बताया कि फिंगर 3 और फिंगर 2 के बीच भारत का एक उचित पोस्ट है और  फिंगर 3 और फिंगर 4 के बीच प्रशासनिक आधार है, जिसका उपयोग गश्त के दौरान किया जाता है। इसी तरह, चीन के पास फिंगर 8 के दूसरी ओर एक प्रशासनिक आधार है। उन्होंने अपने कार्यकाल यानी 2017 तक को याद करते हुए कहा, “फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच कोई निर्माण नहीं था। कोई स्थायी निर्माण भी नहीं, टेंट भी नहीं।”