India-China Border Dispute: चीन के साथ अक्सर सीमा विवाद (India Border Dispute) के बीच एक बार फिर से कारोबार के मामले में चीन पर निर्भरता कम करने की बहस छिड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) भी कई मौकों पर आत्मनिर्भरता को बढ़ाना देने की बात कहते आए हैं। लेकिन पिछले सप्ताह संसद में जारी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2022 तक 12 महीनों में भारत और चीन के बीच कुल कोराबार 34 फीसदी बढ़कर 115.83 बिलियन डॉलर हो गया।
India China Trade-इस साल अप्रैल से अक्टूबर के बीच 69.04 अरब डॉलर का व्यापार:
गौरतलब है कि पीएम मोदी सस्ते आयात के लिए अपने पड़ोसी देशों पर निर्भर होने की जगह एक संपन्न घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने की बात कई मंचों पर कह चुके हैं। हालांकि इस अभियान को चीन के साथ कोरोबार में बढ़ोतरी होने से झटका जरूर लग सकता है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस साल अब तक दोनों देशों के बीच अप्रैल से अक्टूबर के बीच 69.04 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है।
मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर 2022 के समय चीन के साथ कारोबार में भारत को होने वाला व्यापार घाटा (Trade Deficit) 51.50 अरब डॉलर रहा। हालांकि इसके मुकाबले मार्च 2022 में खत्म पूरे वित्त वर्ष के दौरान चीन से कारोबार में भारत का व्यापार घाटा 73.31 अरब डॉलर रहा था।
बता दें कि साल 2020 में चीन के साथ सीमा विवाद और भारतीय जवानों की शहादत के भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए चीन के साथ व्यापार और कारोबार पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए थे। उसके बाद भी चीन के साथ व्यापार का बढ़ना आत्मनिर्भरता को झटका दे सकता है।
चीन से व्यापार बंद क्यों नहीं कर देते- अरविंद केजरीवाल
चीन के साथ चले रहे सीमा विवाद और अक्सर भारतीय सैनिकों संग पीएलए की झड़प के बीच केंद्र को विपक्षी दलों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 14 दिसंबर को एक ट्वीट में कहा, “हम चीन से अपना व्यापार क्यों नहीं बंद करते? चीन से आयात की जाने वाली अधिकतर वस्तुयें भारत में बनती हैं। इस से चीन को सबक़ मिलेगा और भारत में रोज़गार।”