भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा लगाए गए आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों को सख्ती से खारिज कर दिया। नई दिल्ली ने स्पष्ट किया कि पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का असली केंद्र कहां है। यह प्रतिक्रिया तब आई जब इस्लामाबाद ने भारत पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, हालांकि हाल ही में बलूचिस्तान में हुए ट्रेन हमले से इसे सीधे तौर पर नहीं जोड़ा, जिसमें 21 यात्रियों की जान चली गई थी।
‘अपनी विफलताओं के लिए दूसरों पर दोष न मढ़ें’
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के आरोपों को “निराधार” करार दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपनी विफलताओं के लिए दूसरों पर दोष मढ़ने के बजाय आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पड़ोसी देश को अपने आंतरिक संकटों को हल करने पर ध्यान देना चाहिए, न कि भारत को बदनाम करने के बेबुनियाद प्रयास करने चाहिए।
पाकिस्तान की ओर से यह बयान ऐसे समय पर आया जब बलूचिस्तान में जाफर एक्सप्रेस पर एक बड़ा हमला हुआ, जिसने 24 घंटे तक तनावपूर्ण स्थिति बनाए रखी। हालांकि पाकिस्तान ने पहले भी बलूच अलगाववादी गुटों को भारत से जोड़ने की कोशिश की है, लेकिन इस बार उसके विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने हमले की योजना में अफगानिस्तान की संलिप्तता की बात कही। उन्होंने कहा कि इस मामले में फोन कॉल के जरिए अफगानिस्तान से संपर्क किए जाने के प्रमाण हैं।
इसके साथ ही, खान ने भारत पर अपने पड़ोसी देशों को अस्थिर करने और वैश्विक स्तर पर “हत्या अभियान” चलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने भारतीय मीडिया पर बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का महिमामंडन करने का दावा किया, जिसे पाकिस्तान एक आतंकी संगठन मानता है। वहीं, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि उसके क्षेत्र का उपयोग पाकिस्तान-विरोधी आतंकवादी गतिविधियों के लिए न हो।
तालिबान ने पाकिस्तान के इन आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया। अफगान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी ने इस्लामाबाद को गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी से बचने और अपनी सुरक्षा चुनौतियों को हल करने की सलाह दी। इसके अलावा, पाकिस्तान ने अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) धारकों के लिए अपनी सख्त नीति जारी रखते हुए स्पष्ट किया कि 31 मार्च की समय-सीमा के बाद उन्हें अवैध प्रवासी माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।