बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से ही पश्चिम बंगाल के कूचबिहार इलाके में बॉर्डर पर तनाव की घटनाएं सामने आई है। बांग्लादेश ने भारतीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स द्वारा मवेशियों को रोकने के लिए लगने वाले बाड़ पर रोक लगा दी है। हालांकि कोई हिंसा की खबर नहीं है, लेकिन बांग्लादेश की सुरक्षा फोर्स ने निर्माण कार्य को रोक दिया है। इसके साथ ही पूरे इलाके में सावधानी बरतने के लिए गश्त तेज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के बीच अक्टूबर में होने वाले सैन्य बलों की मीटिंग में यह मामला उठाया जा सकता है।

पिछले दिनों बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही शेख हसीना के इस्तीफा देकर भारत भागने से दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं रह गए हैं। इस घटना के बाद से ही बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं पर हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। जिसके बाद से ही हिंदू बांग्लादेश छोड़कर भारत आने के लिए रास्ते की ताक में हैं।

बांग्लादेश बॉर्डर की जानकारी रखने वाले बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारे जवान केटल फेंस (मवेशियों के लिए बाड़ बंदी) बना रहे थे, इसी दौरान बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) ने भारतीय सुरक्षा बलों को ऐसा करने से रोक दिया। इस मामले को लेकर जानकारी रखने वालों ने ये बताया कि कोई हिंसा नहीं हुई है।

2012 में दोनों देशों के बीच हुआ था समझौता

यह निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि एक देश से दूसरे देश में जानवर न आए जाए। इसको लेकर एक अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के बीच साल 2012 में समझौता हुआ था। उस समझौते के अनुसार मवेशियों के लिए बाड़ बनाया जा रहा था। बीजीबी और बीएसएफ इसको लेकर सौहार्दपूर्ण सुलझाने के लिए बॉर्डर पर मीटिंग की। हालांकि इसको लेकर समाधान नहीं निकल पाया।

पांच भारतीय बांग्लादेश के कब्जे में

दोनों देशों की सीमाओं पर एक सप्ताह के भीतर ही दो बार तनाव की घटनाएं देखने को मिली हैं। शनिवार को बांग्लादेश की सीमा में गलती से पांच भारतीय प्रवेश कर गए थे जिनको बीजीबी ने वापस करने से इनकार कर दिया था। ये सभी जवान गंगा के इलाके में तस्करी किए जा रहे जानवरों को बचाने बीएसएफ कर्मियों की मदद के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान स्पीड बोट में खराबी आ गई। जिस वजह से बीजीबी ने उन लोगों को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया है।