भारत ने आज 16 पाकिस्तानी कैदियों को प्रत्यर्पित करने की घोषणा की, जिनमें से 13 जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद हैं। इसके अलावा नौ पाकिस्तानी मछुआरों को भी छोड़े जाने की घोषणा की गई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों की पिछले महीने उफा में हुई बैठक के दौरान मछुआरों की रिहाई पर समझौता हुआ था जिसके बाद नौ पाकिस्तानी मछुआरों के खिलाफ मामले वापस ले लिए गए हैं और कल उन्हें स्वदेश भेज दिया जाएगा।
एमईए ने यहां बयान जारी कर कहा, ‘‘पाकिस्तानी अधिकारियों ने जिन 16 पाकिस्तानी कैदियों की नागरिकता की पुष्टि की है उन्हें अटारी-वाघा सीमा के रास्ते सात अगस्त 2015 को स्वदेश रवाना किया जा रहा है।’’
इसने कहा कि उफा बैठक के दौरान एक-दूसरे की हिरासत में चल रहे मछुआरों को दोनों पक्षों द्वारा रिहा किए जाने के साथ ही उनकी नावें वापस करने पर बनी सहमति के मुताबिक नौ पाकिस्तानी मछुआरों के खिलाफ मामले वापस लिए जा रहे हैं, पाकिस्तानी अधिकारियों ने उनकी नागरिकता की पुष्टि कर दी है और आठ अगस्त 2015 को अटारी-वाघा के रास्ते उन्हें पाकिस्तान भेज दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर सहित देश के विभिन्न भागों में पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के कारण दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद भारत ने पाकिस्तानी कैदियों को वापस करने का फैसला कर सौहार्द्र का परिचय दिया है।
पाकिस्तान ने दो अगस्त को 163 भारतीय कैदियों को रिहा किया था, जिनमें अधिकतर गुजरात के थे।