इंडिया गठबंधन की अगली बैठक 19 दिसंबर को दिल्ली में होने जा रही है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उस बैठक को लेकर जानकारी साझा की है। इससे पहले दिसंबर 5 को इंडिया गठबंधन की बैठक कांग्रेस ने रखी थी, लेकिन तब सभी बड़े नेताओं ने आने से ही मना कर दिया था। इसी वजह से उस बैठक को कैंसिल करना पड़ा गया, अब 19 तारीख को नई मीटिंग बुलाई गई है।
कांग्रेस की मुश्किल क्यों बड़ी?
जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले पटना, बेंगलुरु और फिर मुंबई में इंडिया गठबंधन की बैठक हो चुकी है। उन बैठकों में वैसे तो कई मुद्दों पर चर्चा की गई, लेकिन सीट शेयरिंग पर कोई सहमति नहीं बन पाई। कुछ कमेटियों का गठन जरूर किया गया, लेकिन अभी तक जमीन पर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। इसी वजह से एमपी चुनाव के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच अनबन देखने को मिल गई थी। इसी तरह नीतीश कुमार के साथ भी कांग्रेस की तल्खी देखने को मिली थी।
चुनावी हार का क्या असर?
अब उस समय कांग्रेस के रुख से कई दूसरे दलों को परेशानी थी, लेकिन अब तीन राज्यों में मिली चुनावी हार ने सारे समीकरण बदल दिए हैं। इसका कारण ये है कि अब कांग्रेस की बारगेनिंग पावर कम हो गई है। पहले कांग्रेस की रणनीति थी कि चुनावी जीतों के बाद बैठक बुलाई जाएगी और सीट शेयरिंग से लेकर दूसरे मुद्दों पर छोटे दलों पर हावी हुआ जाएगा। लेकिन अब चुनावी हार ने उसी स्थिति को बदल दिया है। अब कांग्रेस की आक्रमकता कम हो जाएगी तो वहीं दूसरे दल दबाव बनाने की कोशिश करेंगे।
सीट शेयरिंग पर मंथन
जानकार मानते हैं कि सीट शेयरिंग के दौरान भी अब कांग्रेस को ज्यादा कुर्बानी देनी पड़ सकती है। जिन राज्यों में इस समय कांग्रेस की हार हुई है, उन सभी राज्यों में मुकाबला सीधे बीजेपी से था। इसी वजह से अब हिंदी पट्टी राज्यों में सीट शेयरिंग के वक्त कांग्रेस को ज्यादा समझौता करना पड़ेगा।