भारतीय विमानन वाहकों का अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि लगातार जारी हैं। भारत से आने-जाने वाले कुल यात्रियों में से आधे से अधिक का अफ्रीका के देशों और मध्य पूर्व क्षेत्र में आवागमन होता है। वर्ष 2020 में इसी अवधि के दौरान, भारतीय वाहकों की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 65.3 प्रतिशत हो गई, और 2021 में, कुल अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात में भारतीय वाहकों की हिस्सेदारी 49.6 प्रतिशत हो गई।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर-दिसंबर 2022 में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भारतीय वाहकों की कुल बाजार हिस्सेदारी 43.5 प्रतिशत थी, जो 2019 की इसी अवधि में 39.2 प्रतिशत थी।

डीजीसीए की अंतिम तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, यह देखा गया कि अधिकतम यात्रियों को संयुक्त अरब अमीरात (32.4 प्रतिशत), उसके बाद सिंगापुर (7.9 प्रतिशत), थाईलैंड (7.0 प्रतिशत), सऊदी अरब (6.7 प्रतिशत) और कतर (6.3 प्रतिशत) से ले जाया जाता है। यूरोपीय देशों में, यूनाइटेड किंगडम सबसे अधिक यात्रा करने वाली जगह है क्योंकि लगभग 4.4 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने यूके से यात्रा की है।

लोग विदेश जाने और परिवार-दोस्तों से मिलने के लिए उत्साहित

भारत और वैश्विक स्तर पर अग्रणी ट्रैवल कंपनियों में से एक बेलेयर ट्रैवल प्रबंध निदेशक पवन एस जैन ने कहा, “हवाई यात्रा बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है, अब हमारे पास पहले की तुलना में अधिक सीटें और क्षमता उपलब्ध है। और सबसे अच्छी बात यह है कि कोई बबल फ्लाइट्स नहीं है,जो पहले काफी महंगी हुआ करती थी। जो टिकट 70000 रुपये का हुआ करता था वो पिछले कुछ सालों में 4 लाख रुपये तक पहुंच गया था। अब इनकी कीमतों में भारी गिरावट आई है। लोग विदेश जाने और परिवार-दोस्तों से मिलने के लिए उत्साहित हैं।”

उन्होंने कहा कि चाहे अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें या घरेलू बाजार की, बाजार अब उड़ रहा है। इसने और तेज गति पकड़ी है। कहा कि भारतीय एयरलाइंस बढ़ रही हैं और एयर इंडिया ने अभी 500 विमानों का ऑर्डर दिया है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि हवाई यात्रा बढ़ने वाली है क्योंकि अधिक विमानों के साथ और अधिक विमान बाजार में आने वाले हैं। छोटे शहरों को हवाई मार्ग से जोड़कर सरकार ने भी इसमें योगदान दिया है, ताकि टियर टू या थ्री शहरों में रहने वाले लोग व्यापार कर सकें, पढ़ाई और यात्रा के लिए बाहर जा सकें।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 भारतीय शहरों में से जहां से अंतरराष्ट्रीय यात्री उतरते/चढ़ते हैं, पांच भारतीय शहरों में अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात का सबसे अधिक (लगभग 70.2 प्रतिशत) हिस्सा है। दिल्ली 28.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ इस श्रेणी में शीर्ष स्थान पर है, इसके बाद मुंबई (19.8 प्रतिशत शेयर) और चेन्नई (8.5 प्रतिशत शेयर) का स्थान है। घरेलू और विदेशी वाहक 322 मार्गों के माध्यम से भारत को 52 देशों से जोड़ते हैं। दुबई-मुंबई सेक्टर पर अधिकतम अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को ले जाया गया और उसके बाद दुबई-दिल्ली का स्थान रहा।