IT Raid In Unknown Political Parties Offices: देश में कई राजनीतिक दलों को कई तरह के डोनेशन मिलते हैं। बड़े दल इसका हिसाब किताब रखते हैं और उस पर टैक्स आदि जमा करते हैं, लेकिन कई छोटे दल हैं, जो सिर्फ नाम के लिए सक्रिय हैं, लेकिन न तो उनको औपचारिक दफ्तर है और न ही कोई संगठन, हालांकि एक दल के रूप में उनका रजिस्ट्रेशन जरूर है। ऐसे कई दल झुग्गी, दुकानों और फ्लैट से चलाए जा रहे हैं। आयकर विभाग ऐसे ही कुछ दफ्तरों में छापा मारा तो इसका खुलासा हुआ। ये दल भी राजनीति के नाम पर डोनेशन ले रहे हैं, लेकिन उसका कोई हिसाब-किताब नहीं देते हैं।
इंडिया टूडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के सुल्तानपुर में एक राजनीतिक दल का दफ्तर घड़ी रिपेयर की दुकान में है। दुकानदार ही उस दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। छापे में खुलासा हुआ कि उसने पिछले तीन साल में 370 करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में लिये। पूछताछ में दुकानदार ने खुद को अध्यक्ष बताया, लेकिन डोनेशन के बारे में किसी जानकारी से इंकार किया। उसने आशंका जताई कि पार्टी का राज्य अध्यक्ष गुजरात में रहता है, उसके पास डोनेशन की जानकारी होगी।
तीन फीसदी कमीशन पर सर्टिफिकेट देने की बात स्वीकार की
इस जानकारी पर आयकर अधिकारी अहमदाबाद स्थित उसके घर से उसे पकड़ा तो उसने डोनेशन सर्टिफिकेट देने की बात स्वीकारी। पूछताछ में उसने बताया कि उसे तीन फीसदी कमीशन के साथ यह सर्टिफिकेट देता है। बाकी का पैसा कई स्तरों पर अलग-अलग लोगों से गुजरते हुए नकद में दान करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को वापस कर दिया जाता है। ऐसी दो और पार्टियों को उत्तर प्रदेश में इस काम में शामिल किया गया है।
उससे पूछताछ के आधार पर अधिकारी मुंबई के सायन स्थित घनी झुग्गी-झोपड़ी में पहुंचे और सौ वर्ग फुट की छोटे से कमरे में एक अन्य पार्टी का पंजीकृत कार्यालय मिला। इस पार्टी के बैंक रिकॉर्ड के अनुसार इसने पिछले दो वर्षों में लगभग 100 करोड़ रुपये का चंदा स्वीकार लिया है।
मीडिया सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने चंदा में लगभग 100 करोड़ रुपये लिए और उसी के लिए प्रमाण पत्र प्रदान दिया। इनका उपयोग वे लोग आयकर के तहत की तरह की छूट लेने में करते हैं। चंदे की राशि से पार्टी के लिए 0.01 फीसदी की कटौती के बाद पार्टी के लिए ऑडिटर द्वारा बनाई गई संस्थाओं और फर्मों की कई लेयर से गुजार कर नकद में वापस कर दी जाती है। मुंबई के बोरीवली में भी ऐसे कई दफ्तरों का पता चला है।