Stubble Burning in Punjab: ठंड का मौसम आते ही राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के लोगों को यह चिंता सताने लगती है कि पंजाब और हरियाणा में पराली के जलने की वजह से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा खराब होगी। पिछले कुछ दिनों से लगातार दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर खराब होता जा रहा है और इस वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन हो रही है।

हरियाणा और पंजाब की सरकारों ने पिछले कुछ सालों में किसानों से लगातार पराली न जलाने की अपील की है और इसका असर दिखाई देने लगा है। इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) के कंसोर्टियम ऑन रिसर्च एग्रोइकोसिस्टम मॉनिटरिंग एंड मॉडलिंग फ्रॉम स्पेस (सीआरईएएमएस) के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा जो पिछले कुछ सालों से पराली जलाने के मामले में पहले और दूसरे नंबर पर रहे हैं, वहां इस बार काफी कमी देखी गई है।

आंकड़ों से यह जानकारी भी सामने आई है कि खेतों में आग लगने की घटनाएं अब तक के सबसे नीचे स्तर पर पहुंच गई हैं। हालांकि अभी भी पराली जलाने की घटनाओं में पंजाब सबसे ऊपर है और यह हैरानी की बात है कि उत्तर प्रदेश हरियाणा को पीछे छोड़कर दूसरे नंबर पर आ गया है।

पंजाब में 15 सितंबर से 3 नवंबर के बीच खेतों में आग लगने की घटनाएं हैं पिछले साल की तुलना में एक तिहाई हैं और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में करीब 38% की कमी आई है। इस पूरे सीजन की बात करें तो उत्तर प्रदेश में अब तक आग लगने की 1,288 घटनाएं हुई हैं जबकि हरियाणा में आग लगने की 857 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

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IARI के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चावल मिल मालिकों के विरोध की वजह से अब तक फसलों की केवल 50% कटाई ही हो पाई है और इस वजह से फसल उठाने में देरी हो रही है। IARI के एक वैज्ञानिक ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि आने वाले दिनों में आग लगने की घटनाएं थोड़ी बढ़ सकती हैं लेकिन कुल मिलाकर सैटेलाइट डेटा से पता चलता है कि इसमें कमी आई है।

पंजाब सरकार ने कहा है कि धान की पराली का उपयोग एक साल में 15.8 मिलियन टन से बढ़कर 19.5 मिलियन टन हो गया है और यह भी कम आग लगने का एक कारण है।

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राज्य सरकारों ने उठाए सख्त कदम

पंजाब सरकार ने कहा है कि उसने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए ऐसा करने वाले व्यक्तियों पर जुर्माना लगाया, मुआवजा वसूला और FIR भी दर्ज की। जबकि हरियाणा सरकार ने भी किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक किया और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ FIR कराई और रेड एंट्री भी दर्ज की।

हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पी. राघवेंद्र राव ने कहा है कि उनकी सरकार पराली जलाने की घटनाओं को शून्य करना चाहती है लेकिन ऐसा रातों-रात नहीं हो सकता।

पराली जलाने को लेकर दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी और हरियाणा की बीजेपी सरकार के बीच पिछले कुछ सालों में काफी बहस हो चुकी है। लेकिन अब सामने आए ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने पराली जलाने की घटनाओं पर अच्छा-खासा अंकुश लगा दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश इस मामले में फेल साबित हो रहा है।

अगर पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने इसी तरह सख्ती बरती और पराली जलाने की घटनाएं कम हुई तो आने वाले कुछ सालों में दिल्ली के लोगों को जहरीली हवा में सांस लेने से निजात मिल सकती है।