अलगाववादी नेता सैयद शाह गिलानी के अंतिम संस्कार से पहले का एक वीडियो सामने आया है जिसमें शव को पुलिस की कस्टडी में आने से पहले पाकिस्तानी झंडे में लपेटते हुए दिखाया गया है। वीडियो सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस की तरफ से यूएपीए की तहत मामला दर्ज किया गया है। सामने आए वीडियो में पाकिस्तानी झंडे में लिपटे सैयद अली शाह गिलानी के शव के चारो ओर कई लोग दिखाई दे रहे हैं। जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। कमरे में हंगामा और नारेबाजी हो रही है। वीडियों में एक सशस्त्र पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहा है।

बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार को निधन हो गया था। श्रीनगर के हैदरपुरा स्थित अपने निवास पर बुधवार की रात उन्‍होंने अंतीम सांसें ली थी। गौरतलब है कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद कश्मीर घाटी के ज्यादातर हिस्सों में लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी लगा दी गयी थी,वहीं मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी थी। पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता को उनके आवास के समीप ही एक मस्जिद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया था।

इधर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास भी अब समान अधिकार होने का केंद्र का दावा ‘‘सफेद झूठ’’ है और घाटी में लोगों की प्रतिक्रिया के डर से हर बार सरकार जिस आसानी से ‘पूरी तरह बंदी’ लागू कर देती है, वह बेहद तकलीफदेह और निहायत ही संवेदनाहीन है। महबूबा ने यह टिप्पणी तब की जब अधिकारियों ने अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के फौरन बाद बुधवार रात को बीएसएनएल की पोस्टपेड सेवाओं को छोड़कर बाकी मोबाइल टेलीफोन सेवाएं तथा बीएसएनएल ब्रॉडबैंड को छोड़कर शेष इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं।

महबूबा ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘भारत सरकार का यह संदिग्ध दावा सफेद झूठ है कि जम्मू कश्मीर के लोग भी अब समान अधिकार रखते हैं। सच यह है कि उनके जीवित या मृत होने संबंधी बुनियादी मानवाधिकारों को भी निलंबित कर दिया गया है।’’