Venkaiah Naidu Farewell: सोमवार को देश के 13वें उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को राज्यसभा से विदाई दी गई। इस विदाई समारोह के दौरान सोमवार को राज्यसभा में विदाई दी गई। इस विदाई समारोह के दौरान उच्च सदन में वेंकैया नायडू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा कई नेताओं ने विदाई भाषण देकर संबोधित किया। लेकिन जो कहानी आज टीएमसी सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने बताई वो सुनकर खुद वेंकैया नायडू भी भावुक हो गए।

आइए आपको बताते हैं कि डेरेक-ओ-ब्रायन ने वेंकैया नायडू को कौन सी कहानी सुनाई। उस कहानी में ऐसा क्या था जिसको सुनकर वेंकैया नायडू अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। डेरेक-ओ-ब्रायन ने विदाई भाषण में एक पुराने समय की कहानी कही जब लोगों की संपन्नता को उनके घरों में होने वाले बैलों की जोड़ी से किया जाता था। डेरेक-ओ-ब्रायन ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब किसी के यहां अगर बैलों की जोड़ी होती थी तो वो काफी संपन्न लोगों में गिने जाते थे।

TMC MP Derek O’Brien ने सुनाई कहानी

डेरेक-ओ-ब्रायन ने बताया, “जिनके पास जितने ज्यादा बैलों की जोड़ी होती थी वो उतने ही संपन्न माने जाते थे। ऐसे ही उस गांव में एक परिवार था जिसके पास 4 जोड़ी बैल थे जिस लिहाज से वो काफी संपन्न परिवार माना जाता था। एक दिन उनमें से एक बैल भड़क गया और पास में खड़ी घर की महिला पर उसने हमला कर दिया। उस समय महिला की गोद में एक साल का बच्चा था महिला ने बच्चे को बचाने के लिए एक नीचे उतार दिया था। बैल की सींग महिला के पेट में जा धंसी और इलाज के लिए लोग महिला को लेकर अस्पताल गए जहां उस महिला की मौत हो गई। वो बच्चा कोई और नहीं बल्कि आप थे वेंकैया जी।”

डेरेक ओ ब्रायन ने कहा ये कहानी आपको कहीं किसी भी विकीपीडिया पर नहीं मिलेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू की विदाई पर एक बेहरतरीन विदाई भाषण दिया। पीएम मोदी ने वेंकैया नायडू के इस विदाई समारोह में क्या क्या कुछ कहा आइए हम आपको संक्षेप में बताते हैं।

एक साधारण कार्यकर्ता से पार्टी के शीर्ष पद पहुंचेः PM Modi

पीएम मोदी ने कहा ‘आपने दक्षिण भारत में छात्र राजनीति से सफर शुरू किया था। उस समय सब यही कहते थे कि जिस विचारधारा से आप जुड़े हैं उसका भविष्य दक्षिण में तो बिलकुल भी अच्छा नहीं है, लेकिन आपने उस राजनीतिक पार्टी के शीर्ष पद तक का सफर तय किया। ये आपकी अविरल कर्तव्यनिष्ठा और कर्म के प्रति समर्पण का प्रतीक है। अगर हमारे पास देश के लिए भावनाएं हों, बात कहने की कला हो, भाषाई विविधता में आस्था हो तो भाषा और क्षेत्र बाधा नहीं बनते ये आपने सिद्ध करके दिखाया है।’

मातृभाषा आंखों की रोशनी और दूसरी भाषा चश्में की तरह

पीएम मोदी ने बताया कि मुझे आपकी कही एक बात याद आती है जो बहुत लोगों को याद होगी। ‘आप मातृभाषा को लेकर बहुत आग्रही रहे हैं। जब आप कहते हैं कि मातृभाषा आंखों की रोशनी की तरह होती है, दूसरी भाषा चश्मे की तरह होती है।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘ऐसी भावना हृदय की गहराई से ही बाहर आती है। वेंकैया जी की मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई। आपने सभी भाषाओं को आगे बढ़ाने का काम हुआ। 22 भाषाओं में सांसद बोल सकें, इसका इंतजाम आपने किया।’