मैं जब स्टार्ट करता हूं तो मुझे स्टार्टिंग की प्राब्लम होती है। लेकिन जब मैं स्टार्ट हो जाता हूं तो फिर मुझे रुकने में काफी समस्या होती है पर अब मैं रुक रहा हूं। अपनी फेयरवेल पार्टी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम में ये बात कही तो सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि आपके बगैर कोर्ट के हाल सूने हो जाएंगे। आपके लतीफे हमें सुनने को नहीं मिलेंगे ये बात दिल को सालती रहेगी।
सीजेआई ने अपने पिता को याद करते हुए कहा कि उन्हें वो लम्हा कभी नहीं भूलता जब 1985 वो उस कोर्ट रूम में गए थे जिसमें उनके पिता आखिरी बार सुनवाई करने वाले थे। वो वाकया वाकई भावुक करने वाला था। सीजेआई ने कहा कि वी रामासुब्रमण्यम के परिवार को देखकर उनके जहन में कई साल पहले का लम्हा फिर से जीवित हो गया।
सीजेआई ने अपने साथी जस्टिस की तारीफ करते हुए कहा कि वो जब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने तब उनकी काबिलियत का पता उन्हें चला। कितने सहज और सरल अंदाज में वो अपने ज्ञान को हर किसी से बांटते चले गए। सीजेआई का कहना था कि उनसे बातचीत करने के बाद मुझे पता चला कि कोई ऐसा सब्जेक्ट भी है जिस पर रामासुब्रमण्यम की पकड़ न हो।
सीजेआई बोले- रामासुब्रमण्यम को बनाना चाहते थे ट्रिब्यूनल का चेयरमैन
चंद्रचूड़ ने बताया कि वो चाहते थे कि जस्टिस रामासुब्रमण्यम किसी ट्रिब्यूनल के चेयरमैन बन जाए। उन्हें ऐसे मैच्योर दिमाग की इस तरह की जगहों पर खासी जरूरत है। लेकिन वो फ्री रहना चाहते हैं। चंद्रचड़ ने कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि रामासुब्रमण्यम उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लेंगे। जस्टिस रामासुब्रमण्यम 29 जून को रिटायर होंगे। उनके सम्मान में सुप्रीम कोर्ट में आज सेरेमोनियल बेंच का गठन किया गया था।
रामासुब्रमण्यम ने बताया कि क्यों उन्होंने चंद्रचूड़ के ऑफर को नकार दिया
जस्टिस रामासुब्रमण्यम ने सीजेआई की बात पर मुहर लगाते हुए कहा कि डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें रिटायरमेंट के बाद के लिए कई बेहतरीन ऑफर दिए हैं। लेकिन उन्होंने एक लाइन बोलकर उनके प्रस्तावों को ठुकरा दिया। उनका कहना था कि वो अपने रिटायरमेंट वाले दिन आंसू नहीं बहाने जा रहे। उन्होंने जस्टिस केवी विश्वनाथन के सुप्रीम कोर्ट के जज बनने के लम्हे का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी शपथ ग्रहण सेरेमनी में उन्होंने देखा कि विश्वनाथन की एक कलीग रो रही थी। उन्होंने उसे पूछा कि वो क्यों रो रही है तो महिला का कहना था कि ये आंसू खुशी के हैं।