बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एम्स की फोरेंसिक रिपोर्ट को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इन विवादों के बीच एम्स ने सोमवार को जारी किए बयान में कहा है कि सीबीआइ की ओर से फोरेंसिक मदद की अपील किए जाने पर डॉ सुधीर गुप्ता की ओर से मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया था।

मेडिकल बोर्ड ने अपनी विशेषज्ञ राय देते हुए रिपोर्ट सीबीआइ को दे दी है। चूंकि यह कानूनी मामला है और अदालत में है इसलिए रिपोर्ट से जुड़ी कोई भी जानकारी सीबीआइ से ही ली जा सकती है। वहीं, सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही सूचनाओं में और एक कथित स्टिंग में डॉ सुधीर गुप्ता की ओर से मौत को हत्या का मामला कहा गया है। खबर यह भी चल रही है कि डॉक्टर गुप्ता ने कहा है कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता। इसमें और जांच की जरूरत है। सूत्रों की मानें तो इसी जांच के लिए सीबीआइ ने एम्स से बिसरा के नमूने वापस ले लिए हैं।

एम्स की ओर से गठित फोरेंसिक विशेषज्ञों के बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट 29 सितंबर को सीबीआइ को सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में एम्स ने हत्या की आशंका से इनकार किया है, जबकि इससे पहले एम्स ने मौका ए वारदात से छेड़छाड़ किए जाने की बात कही थी।

एम्स के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ.  सुधीर गुप्ता ने कूपर अस्पताल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का समय न लिखे जाने को लेकर भी सवाल उठाए थे। एम्स ने जो रिपोर्ट सीबीआइ को सौंपी है उसे लेकर सुशांत के परिवार ने गहरा क्षोभ व उनके वकील ने निराशा जताई है। वकील ने एक नए मेडिकल बोर्ड के गठन की मांग की है।