RBI के पूर्व गवर्नर और जानेमाने अर्थशास्त्री रघुराम राजन इन दिनों काफी भड़के हुए हैं। दरअसल, उनका पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी और हीरा कारोबारी नीरव मोदी से जुड़ा एक बयान सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। रघुराम राजन फर्जी बयान के जरिये नीरव मोदी के मामले से तार जोड़ने से बेहद खफा हैं। उन्होंने इस बयान को पूरी तरह से झूठ करार दिया है। फर्जी बयान पर राजन ने ‘बूम लाइव’ को बताया, ‘यह पूरी तरह से बकवास है जिसे प्रायोजित सूत्रों के हवाले से पेश किया गया है।’ सोशल मीडिया पर वायरल रघुराम राजन के कथित बयान को कोट करते हुए लिखा गया है, ‘मैंने नीरव मोदी के फर्जीवाड़े के बारे में राहुल गांधी और पी. चिदंबरम को आगाह किया था। लेकिन, उन्होंने मुझे चुप रहने पर मजबूर कर दिया था। साथ ही मई, 2014 तक नीरव मोदी के लोन को मंजूरी दी जाती रही थी। अब PNB घोटाले के लिए मुझ पर क्यों आरोप लगाए जा रहे हैं?’ राजन सितंबर, 2013 से 2016 तक आरबीआई के गवर्नर रहे थे। बताया जाता है कि नीरव मोदी उस वक्त से ही बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था। इसके बावजूद न तो आरबीआई और न ही संबंधित बैंकों ने कोई कार्रवाई की थी। फरवरी में PNB ने नियमित रेग्युलेटरी फाइलिंग में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर 11 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाने खुलासा किया था।
U were Governor of RBI Mr #RaghuramRajan! The way u did PC on Demonetization, u could hv done on it too..U shd hv resigned in protested! pic.twitter.com/ziwApHDU4w
— Meera Singh (@meeraremi11) March 9, 2018
PNB घोटाले पर रघुराम राजन खामोश: रघुराम राजन RBI में गवर्नर के तौर पर अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में पढ़ाने चले गए थे। उन्होंने भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। PNB घोटाले की शुरुआत 6-7 साल पहले से मानी जा रही है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी ने फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग हासिल कर बैंक को 12 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया था। सीबीआई और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) नीरव और चौकसी के खिलाफ पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन दोनों ने भारत वापस आने से इनकार कर दिया। बता दें कि इस घोटाले में बैंक अधिकारियों समेत अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।