मेघालय में CAA के विरोध में भड़की हिंसा में करीब तीन लोगों की मौत हो गई। बांग्लादेश सीमा के पास शुक्रवार को पूर्वी खासी हिल्स जिले में भड़की हिंसा के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया है। इसके साथ ही राज्य के बड़े हिस्से में मोबाइल इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है।
हादसे में असम के बरपेटा जिले के रहने वाले 29 वर्षीय रूपचंद दीवान की भी मौत हो गई। रूपचंद की पत्नी ने 15 दिन पहले ही एक नवजात बच्ची को गोद लिया था। दीवान शिलॉन्ग के बड़ा बाजार इलाके में टमाटर बेचने का काम करता था। शनिवार को सुबह दो लोग रूपचंद की दुकान में घुसे और उसे चाकू घोंप दिया।
ये हिंसा कथित रूप से पूर्वी खासी हिल्स जिले में गैर आदिवासी भीड़ द्वारा खासी व्यक्ति लुरशाई हायनिवता की मौत के बाद भड़की। रूपचंद के चचेरे भाई शम्सुल ने बताया कि रूपचंद एक ईमानदार आमी था। उसकी मौत से खासी हिल्स में मारे गए व्यक्ति को कैसे न्याय मिल सकता है। दीवान के परिवार में उसकी पत्नी, नवजात बच्चा, लकवाग्रस्त पिता और एक बीमार मां है।
दीवान के मकान मालिक प्रवीन नोंगरूम का कहना है कि व पिछले पांच साल से यहां रह रहा था। उस दिन वह रोज की तरह ही अपनी दुकान पर गया था। बाद में पता लगा कि उसकी शरीर पर कई जख्मों के निशान मिले हैं। इससे पहले शुक्रवार को खासी छात्र यूनियन (केएसयू) की के कार्यकर्ताओं का दल इछामति पहुंचा था। ये समूह मेघालय में इनर लाइन परमिट को लागू करने और सीएए का विरोध कर रहा है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार बैठक खत्म होने के कुछ देर बाद दोपहर करीब 3 बजे केएसयू और गैर आदिवासियों के गुटों के बीच हिंसा भड़क गई। केएसयू के सदस्यों ने एक घर में आग लगाने की कोशिश की। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में गैर आदिवासियों ने एक बस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी।
पिछले चार दशक में मेघालय में बंगाल और नेपाल समेत अन्य गैरआदिवासियों को निशाना बनाने की कई घटनाएं सामने आई हैं। हालिया हिंसा मेघालय में इनर लाइन परमिट को लागू करने और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूर्वोत्तर में अस्थिरता के बाद हुई है। असम में पिछले दो महीने के दौरान 6 लोगों की मौत हो चुकी है।