पाकिस्‍तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्‍कानी की किताब ‘इंडिया वर्सेज पाकिस्‍तान’ में 26 दिसंबर 2008 में मुंबई हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। हक्‍कानी ने उस समय के पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआर्इ प्रमुख शुजा पाशा के बयान को अपनी किताब में जगह दी है। पाशा ने हक्‍कानी को उनके वाशिंगटन स्थित घर में इस हमले के बारे में कहा था,’ लोग हमारे थे, ऑपरेशन हमारा नहीं था।’ हक्‍कानी उस समय अमेरिका में राजदूत थे। यह किताब अगले महीने पब्लिश होगी।

हक्‍कानी ने इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि इस किताब का लक्ष्‍य यह बताना है कि वर्तमान जांच में पाकिस्‍तान का क्‍या योगदान हो सकता है, साथ ही भारतीयों को याद दिलाना कि वे भी इसमें दोषी हैं। उन्‍होंने कहा,’इस किताब का उद्देश्‍य यह बताना है कि हम दोनों ने पिछले 69 सालों को सही तरह से नहीं संभाला।’ उन्‍होंने मुंबई हमलों की जांच को दोनों देशों की अपरिपक्‍वता का नमूना बताया। उन्‍होंने कहा कि 2008 मुंबई हमलों के दोषियों को आठ साल बाद भी सजा न दिलाकर पाकिस्‍तान ने पहले से ही परेशानी से भरे रिश्‍ते को और परेशान कर दिया।

हक्‍कानी ने कहा,’दोनों देश अन्‍य देशों के साथ विदेश नीति पर जबरदस्‍त परिपक्‍वता के साथ बात करते हैं लेकिन क दूसरे के साथ ऐसा नहीं करते। यह इस रिश्‍ते में बचपना है। मैं इस रिश्‍ते में भावनाओं की जगह विवेक लाना चाहता हूं।’ उनके अनुसार भारत ने काफी गलतियां की हैं। उन्‍होंने कहा,’यदि पाकिस्‍तान की भारत के रिश्‍तों में गलती यह है कि वह अपने से बड़े पड़ोसी से बराबरी की मांग करता है। भारत की गलती यह है कि वह समान कार्रवाई चाहता है।’