डोकलाम विवाद सुलझने के महीनों बाद भी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने क्षेत्र से टैंक और अन्य सैन्य साजो-सामान अब तक नहीं हटाए हैं। सेटेलाइट इमेज से यह बात सामने आई है। बड़ी संख्या में टैंक के अलावा वहां चीनी सेना के टेंट के होने की भी पुष्टि हुई है। भारत के सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत कुछ दिनों पहले ही कह चुके हैं कि चीनी सेना डोकलाम से पीछे हट गई है, लेकिन वे सर्दियों का मौसम बीतने के बाद वापस आ सकते हैं। साथ ही उन्होंने चीनी सेना के उत्तरी डोकलाम क्षेत्र में मौजूद होने की बात भी कही थी। सेटेलाइट इमेज सेनाध्यक्ष की आशंकाओं की पुष्टि करते हैं। जनरल रावत ने क्षेत्र में विशेष सतर्कता बरतने की भी बात कही थी।

सेटेलाइट इमेज से डोकलाम क्षेत्र में सिर्फ चीनी टैंकों, टेंटों और अन्य सैन्य साजो-सामान की मौजूदगी का ही पता नहीं चला है। इन चित्रों में चीनी सेना के विवादित क्षेत्र से कुछ दूर पीछे हटने की बात भी सामने आई है। ऐसे में पड़ोसी देश के सुरक्षाबलों के फिर से उस हिस्से पर कब्जा करने की आशंका गहरा गई है। सेटेलाइट तस्वीरों के मुताबिक, डोकलाम के कई इलाकों में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां, ऑर्टिलरी समेत अन्य सैन्य उपकरण मौजूद हैं। कुछ जगहों पर तो बड़ी संख्या में अन्य हथियारों की तैनाती भी देखी जा सकती है। चीनी सेना के वापस जाने के बाद इस छोटी सी जगह पर इतनी बड़ी संख्या में सैन्य एवं रक्षा उपकरणों की मौजूदगी चीन के नापाक मंसूबों की ओर संकेत करते हैं।

मालूम हो कि डोकलाम में भारत और चीन के बीच 73 दिनों तक चला गतिरोध 28 अगस्त, 2017 को खत्म हुआ था। इस दौरान दोनों देशों के रिश्ते काफी तल्ख हो गए थे।16 जून 2017 को भारतीय सेना ने डोकलाम में चीनी सेना के सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था जिसके बाद भारत और चीन की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने रही थीं। कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना के जवानों के घुसने का वीडियो सामने आया था। चीनी जवान सड़क बनाने की सामग्री के साथ भारतीय सीमा में एक किलाेमीटर तक अंदर घुस आए थे। भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद यह मसला सुलझा था।