शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने 53 साल बाद एक महिला को प्रेसीडेंट बनाया है। अनिता शेटे ने सोमवार को पद संभाला और वे पांचवी अध्यक्ष हैं। अनिता के अलावा एक अन्य महिला शालिनी लांडे को कमिटी में शामिल किया गया है। इस कमिटी में नौ पुरुष सदस्य हैं। पद संभालने के बाद शेटे ने कहा कि प्रेसीडेंट के पद पर उनका चयन दर्शाता है कि यहां पर महिलाओं को लेकर कोई भेदभाव नहीं है और ट्रस्ट उनका सम्मान रूप से आदर करता है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि उनके चयन के बाद भी महिलाओं को शनि प्लेटफॉर्म पर जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में न तो कोई पुरुष और न ही कोई महिला मूल प्लेटफॉर्म पर गए हैं और मेरी नियुक्ति के बाद भी इसमें बदलाव नहीं होगा।
गौरतलब है कि प्रदर्शनकारियों ने 26 जनवरी को मंदिर का प्रोटोकॉल तोड़ने का फैसला किया। इस प्रोटोकॉल के तहत महिलाओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं है। इस संबंध में शेटे ने कहाकि 26 जनवरी को मंदिर प्रबंधन के फैसले के समर्थन में एक बड़ी रैली आयोजित की जाएगी। इसमें महिलाएं मुख्य रूप से शामिल होंगी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस रैली का लक्ष्य भूमाता ब्रिगेड की ओर से होने वाले प्रदर्शन का जवाब देना है।
गौरतलब है कि 28 नवंबर को एक महिला मंदिर के अंदर घुस गई थी, जिसके बाद मंदिर को धोया गया था। इस मुद्दे को लेकर मंदिर प्रशासन काफी आलोचना हुई थी। बाद में चार और महिलाओं ने भी ऐसा ही करने का फैसला किया था, जिससे गांववाले काफी नाराज हो गए थे।