हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अग्निवीर योजना एक बड़ा मुद्दा है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान लगातार कहा था कि अग्निवीर योजना युवाओं के खिलाफ है और सत्ता में आने पर वह इस योजना को रद्द कर देगी। विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी कांग्रेस लगातार अग्निवीर योजना को लेकर बीजेपी पर हमला बोल रही है जबकि कांग्रेस के हमलों का जवाब देने के लिए बीजेपी ने अग्निवीरों के लिए कई तरह के ऐलान किए हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया है कि हर हरियाणवी अग्निवीर को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसे बड़ा चुनावी ऐलान माना जा रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजों से बीजेपी को इस बात का अंदाजा हो चुका था कि उसे विधानसभा चुनाव में भी अग्निवीर योजना की वजह से नुकसान हो सकता है।
इसके अलावा नायब सिंह सैनी की सरकार ने इस साल जुलाई में सिपाही, खनन गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और स्पेशल पुलिस अफसर की नौकरियों में अग्निवीरों को 10% का क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला किया था।
हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बाढ़डा विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले 19 साल के इरफान सेना में जाना चाहते हैं क्योंकि उनके कई रिश्तेदार या तो सेना में रह चुके हैं या अभी सेना में हैं। 2022 में जब बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार अग्निवीर योजना लाई तो इरफान के परिवार ने उनसे कहा कि वह किसी और विकल्प की तलाश करें।
नौकरी जाने के बाद क्या करेंगे?
बातचीत के दौरान इरफान बताते हैं कि अब वह हरियाणा पुलिस और अन्य बलों में नौकरी का इंतजार कर रहे हैं। इरफान पूछते हैं कि अगर 4 साल बाद सरकार उनकी सेवा समाप्त कर देगी तो फिर वह क्या करेंगे? इरफान सवाल पूछते हैं कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ये बातें कर रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव में उसे हरियाणा में पांच सीटों का नुकसान हुआ है। वह पूछते हैं कि पिछले 2 सालों में बीजेपी ने युवाओं के प्रति ऐसी चिंता क्यों नहीं दिखाई?
चांदनी गांव के ही 22 साल के संजय सांगवान कहते हैं कि उनका सपना भी सेना में शामिल होने का था लेकिन अग्निपथ योजना आने के बाद उन्होंने इसका इरादा छोड़ दिया। अब वह प्रादेशिक सेना में नौकरी ढूंढ रहे हैं। बताना होगा कि हरियाणा से हर साल युवा बड़ी संख्या में सेना में शामिल होते हैं। हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा लगातार अग्निवीर योजना को लेकर सवाल उठाते हैं।
गांव के 29 जवान हो चुके हैं शहीद
चांदनी गांव में लगभग 2300 मतदाता हैं और यहां लगभग हर परिवार का एक सदस्य सेना में है। गांव के लोग बताते हैं कि यहां के 29 जवान अलग-अलग युद्धों में शहीद हो चुके हैं। गांव के सरपंच राज सिंह सांगवान के मुताबिक गांव के 23 जवान कर्नल और मेजर के रूप में सेना में सेवा दे चुके हैं।
सांगवान कहते हैं कि अग्निपथ से पहले जब ओपन भर्ती होती थी तो हर भर्ती प्रक्रिया में इस गांव के कम से कम 10-12 युवा सेना में चुने जाते थे लेकिन अग्निपथ योजना शुरू होने के बाद केवल दो युवाओं का ही अग्निवीर के रूप में चयन हुआ है और इस वजह से युवा अब सेना में नहीं जाना चाहते और अब वे हरियाणा पुलिस की नौकरी की तैयारी कर रहे हैं। कई युवा चरखी दादरी, सोनीपत, रोहतक, चंडीगढ़ और दिल्ली में प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं।
गांव के रहने वाले सत्यवीर कहते हैं कि पहले किसी व्यक्ति के सेना में नौकरी मिलने पर उसकी अगली दो पीढ़ियां आर्थिक रूप से सुरक्षित हो जाती थीं लेकिन अग्निवीरों के लिए ऐसा कुछ नहीं है। हमें अपने लड़कों की शादी के लिए प्रस्ताव भी नहीं मिल रहे हैं और यह एक मुसीबत बन गई है।
चांदनी गांव से करीब 50 किलोमीटर दूर झज्जर जिले की बेरी विधानसभा सीट के बिसहान गांव में ग्रामीण इस बात पर गर्व करते हैं कि उनके गांव में हर घर का एक सदस्य सेना में है। यह गांव पूर्व सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग का पैतृक गांव भी है। गांव के रहने वाले 24 साल के गौरव सुहाग अग्निपथ के खिलाफ हैं। ग्रामीणों के बीच इस बात की भी चिंता है कि बीजेपी चुनाव के समय अग्निवीरों के लिए तमाम बातें कर रही है लेकिन अगर वह नहीं जीती तो क्या होगा?