इस साल मानसून कैसा रहेगा, किसानों के लिए यह सबसे बड़ी खबर होती है। मानसून को लेकर इस बार बड़ी भविष्यवाणी की गई है। आईएमडी के मुताबिक इस साल मानसून की शुरुआत जल्द होगी। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल औसतन 96 फीसदी बारिश होगी। मौसम विभाग ने पहली बार यह भविष्यवाणी की है। इससे पहले प्राईवेट वेदर एजेंसी Skymate ने इस साल औसत 94% बारिश पड़ने का अनुमान जताया था। स्काईमेट ने कहा था कि जून से सितंबर महीने के बीच औसत से कम बारिश हो सकती है।

IMD मानसून की रफ्तार पर नजर रखेगा और मई महीने में एक और अपडेट जारी करेगा। बता दें कि आमतौर पर 25 मई से 1 जून के बीच मानसून की शुरुआत होती है। ये वो समय है। भारत में सबसे पहले मानसून तटीय केरल में पहुंचता है। इसके बाद यह धीरे-धीरे पूरे देश में पहुंचता है। पहले स्काईमेट की चेतावनी के बाद किसानों के लिए थोड़ी निराशाभरी खबर थी लेकिन आईएमडी की खबर के बाद थोड़ी राहत मिली है।

क्या है सामान्य बारिश का औसत

आईएमडी के मुताबिक, यदि बारिश LPA के 90-95% के बीच होती है तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। LPA 96%-104% हो तो इसे सामान्य बारिश कहा जाता है। LPA अगर 104% से 110% के बीच है तो सामान्य से ज्यादा बारिश कहते हैं। 110% से ज्यादा को अत्यधिक बारिश और 90% से कम बारिश यानी सूखा पड़ना कहा जाता है। बता दें कि भारत के लगभग आधे से ज्यादा किसान अपन खेत में चावल, मक्का, गन्ना, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों को उगाने के लिए वार्षिक जून-सितंबर बारिश पर निर्भर करते है। स्काईमेट को उम्मीद है कि देश के उत्तरी और मध्य हिस्सों में बारिश की कमी का खतरा बना रहेगा।

अल नीनो का भी दिख सकता है असर

IMD के मुताबिक अल-नीनो (El-Nino) का भी मौसम पर असर पड़ सकता है। अगस्त-सितंबर में अल नीनो का असर देखने को मिल सकता है। सेंट्रल और ईस्टर्न पैसिफिक ओशन इलाके के गर्म होने को अल नीनो कहा जाता है। ऐसा होने पर पूरी दुनिया के मौसम पर असर पड़ता है। स्काईमेट के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन की दूसरी छमाही के दौरान सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।