भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, भारत में इस साल मानसून की स्थिति सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस साल भारत में अच्छे मानसून से संबंधित ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक सक्रिय होने की संभावना है।

IMD द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। IMD प्रमुख ने बताया कि साल 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में उन नौ मौकों पर सामान्य से अधिक मानसूनी वर्षा दर्ज की गई, जब अल नीनो के बाद ला नीना की स्थिति बनी।

‘सभी स्थितियां इस बार भारत में अच्छे मानसून के अनुकूल’

IMD के DG मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मौसम विभाग अपने पूर्वानुमान में अल नीनो, ला नीनो, हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां और उत्तरी गोलार्ध में बर्फीले आवरण संबंधी स्थिति के प्रभाव पर विचार करता है और यह सभी स्थितियां इस बार भारत में अच्छे मानसून के अनुकूल हैं।

उन्होंने बताया कि उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की प्रबल संभावना है। लेकिन आईएमडी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना दिख रही है।

उनके मुताबिक इसी तरह से पूर्वोत्तरी राज्यों–असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड और अरूणाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पूर्वी राज्यों- ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में भी सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि जब अल नीनो की स्थिति होती हैं जो ज्यादातर वर्षों में बारिश पर इसका नकारात्मक असर होता है। उन्होंने कहा कि 1951 से 2023 के दौरान 22 साल ऐसे रहे जब ला नीनो की स्थितियां रहीं और इन वर्षों में ज्यादातर साल में दक्षिण पश्चिम मानसून के तहत सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हुई।

महापात्र के मुताबिक, 1951 से 2023 के बीच नौ साल ऐसे रहे जब अल नीनो जा रहा था और ला नीनो आ रहा था, जैसा इस साल है। उन्होंने कहा कि इन नौ साल में से दो वर्ष के दौरान मानसून की वर्षा सामान्य से ज्यादा रही और पांच साल अत्याधिक बारिश हुई तथा दो अन्य वर्षों के दौरान बारिश करीब करीब सामान्य रही।