Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर आपत्ति जताई जिसमें एक महिला को नाजायज पत्नी कहा गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 11 के तहत शून्य घोषित विवाह का जीवनसाथी धारा 25 के तहत स्थायी गुजारा भत्ता और रखरखाव का दावा करने का हकदार करार देने वाले फैसले में की है।
जस्टिस अभय एस ओका, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की एक बेंच ने कहा कि इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल संविधान के लोकाचार और आदर्शों के खिलाफ है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘भारत के संविधान की धारा 21 के तहत, हर एक व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का मौलिक अधिकार है। किसी महिला को नाजायज पत्नी कहना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उस महिला के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। इन शब्दों का इस्तेमाल करके किसी महिला का बखान करना हमारे संविधान के लोकाचार और आदर्शों के खिलाफ है।’
सुप्रीम कोर्ट ने जताई हैरानी
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आगे कहा, ‘दुर्भाग्य से, हम पाते हैं कि इस तरह की आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल एक हाई कोर्ट की बेंच के फैसले में किया गया है। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल महिला विरोधी है। बॉम्बे हाई कोर्ट की पूर्ण पीठ द्वारा बनाया गया कानून साफ तौर से सही नहीं है।’ तीन जजों की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि जिस पति या पत्नी का विवाह हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 11 के तहत अमान्य घोषित किया गया है, वह अधिनियम की धारा 25 का हवाला देकर दूसरे पति या पत्नी से स्थायी गुजारा भत्ता या भरण-पोषण मांगने का हकदार है।
सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त की रेवड़ियों पर जताई नाराजगी
महिला के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई करते हुए भाऊसाहेब संधू पुत्र रघुजी मगर बनाम लीलाबाई पत्नी भाऊसाहेब मामले का जिक्र करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र किया। इस केस में हाई कोर्ट ने मुआवजे का आदेश देने से मना करते हुए दूसरी पत्नी के लिए ‘अवैध पत्नी’ और ‘वफादार रखैल’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब पति के लिए अवैध पति का इस्तेमाल नहीं किया जाता है तो पत्नी के लिए ऐसा कह कर उसके सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। महिला जजों को हटाने पर HC पर भड़का सुप्रीम कोर्ट पढ़ें पूरी खबर…