आरटीआई में खुलासा हुआ है कि सरकारी कंपनियों के अलावा बड़ी संख्या में शिक्षण संस्थानों, जिनमें नवोदय स्कूल, आईआईटी, आईआईएम और कई केन्द्रीय यूनिवर्सिटीज शामिल हैं, ने पीएम केयर्स फंड में कुल 21.81 करोड़ रुपए का दान दिया था। गौरतलब है कि यह दान स्टाफ की तन्खवाह में कटौती कर दिया गया था।
बता दें कि पीएम केयर्स फंड को पीएमओ द्वारा मैनेज किया जा रहा है और पीएमओ ने यह कहकर पीएम केयर्स फंड के बारे में जानकारी देने से इंकार कर दिया कि यह सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं है, इसलिए आरटीआई कानून के तहत इसके बारे में जानकारी नहीं दी जा सकती। कोरोना माहमारी के फैलने के बाद पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी। जिसमें आंकड़ों के अनुसार, शुरुआत के सिर्फ चार दिनों यानि कि 31 मार्च, 2020 तक ही 3076.62 करोड़ रुपए जमा हो गए थे।
पीएम केयर्स फंड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, कुल मिले दान में से 3075.85 करोड़ रुपए ‘स्वैच्छिक दान’ से मिले हैं। बता दें कि द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दाखिल की गई आरटीआई से उक्त जानकारी मिली है। इससे पहले अगस्त में ही द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया था कि देश की 38 पीएसयू (सरकारी कंपनियां) ने अपने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी फंड्स का इस्तेमाल कर पीएम केयर्स फंड में 2105 करोड़ रुपए से ज्यादा का दान दिया था।
वहीं देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों और केन्द्रीय यूनिवर्सिटी से जो दान मिला है, उसके लिए कर्मचारियों की सैलरी से कटौती की गई। वहीं कुछ मामलों में पेंशन पाने वाले कर्मचारियों और छात्रों से भी मदद ली गई। आरटीआई के अनुसार, नवोदल विद्यालय समिति ने ही ‘कर्मचारियों से मिले दान’ से 7.48 करोड़ रुपए दान किए।
देश की 11 केन्द्रीय यूनिवर्सिटीज ने 3.39 करोड़ रुपए का दान दिया। जिनमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने ही 1.33 करोड़ रुपए दिए। इसके अलावा बीएचयू ने 1.14 करोड़ और दिल्ली स्थित सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी ने 27.38 लाख रुपए का दान पीएम केयर्स फंड में दिया।
सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी के सेंट्रल पब्लिक इंफोर्मेशन ऑफिसर (CPIO) आर जी मुरली कृष्णन ने बताया कि दान दी गई रकम में से 19.04 लाख संस्थान का योगदान था और बाकी ‘आदर्श योगदान’। बीएचयू ने कर्मचारियों की सैलरी में से कटौती कर रकम पीएम केयर्स फंड में दान दी थी।
देश के 20 आईआईटी ने 5.47 करोड़ रुपए दान दिए। जिनमें आईआईटी खड़गपुर ने सबसे ज्यादा एक करोड़ रुपए का दान किया। इनमें से 36.22 लाख अन्य स्त्रोत से और 89,184 रुपए पेंशन फंड में से दिए गए।
आईआईटी कानपुर ने 47.71 लाख रुपए दान दिए, जिनमें से 15 लाख पेंशन फंड, 36,800 छात्रों से और अन्य स्टाफ से लिया गया। आईआईटी रुड़की ने 59.45 लाख दिए।
देश के 10 आईआईएम में से कोझिकोड़ स्थित संस्थान ने सबसे ज्यादा 33.53 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड में दिए। वहीं सभी आईआईएम का कुल योगदान 66 लाख रुपए रहा। आईआईएम अहमदाबाद ने 11.59 लाख रुपए दिए।
इसी तरह एनआईटी संस्थानों ने कुल 1.01 करोड़ रुपए दिए। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस द्वारा 25.64 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड में दिए गए। एनसीआरटी ने 35.22 लाख, एआईसीटीई ने 13.80 लाख और यूजीसी ने 7.41 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड में दान दिए।