Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सेना के जवानों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था। अब इसका दूसरा पक्ष भी सामने आया है। इग्नू यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि कुछ सैनिकों ने गुरुवार रात जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा में उन पर और उनके परिवार पर हमला किया। इसके बाद इंडियन आर्मी ने जांच शुरू कर दी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, असिस्टेंट प्रोफेसर लियाकत अली का परिवार राजौरी में रहता है। वह गुरुवार रात को एलओसी के पास लाम में अपने छोटे भाइयों के साथ एक शादी समारोह से लौट रहे थे, तब ही जांच कर रहे सैनिकों के एक ग्रुप ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया। सेना ने कहा है कि उसने जांच शुरू कर दी है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

घटना के बारे में मीडिया को बताते हुए प्रोफेसर ने कहा, ‘मैं गाड़ी में बैठा था और एक सैन्यकर्मी मेरे पास आया और मेरा आईडी कार्ड मांगा, मैं नीचे उतरा और उसे अपनी आईडी दिखाई। इसमें मेरी पूरी डिटेल दी गई थी।’ इग्नू के प्रोफेसर ने कहा, ‘शायद एक कर्मी यह सोचकर नाराज हो गया कि मैं दिखावा कर रहा हूं और उसने राइफल के बट से मेरे सिर पर वार कर दिया।’ उन्होंने कहा कि जब वह नीचे गिर गया तो अन्य लोगों ने भी उसे पीटना शुरू कर दिया।

आतंक की चुनौती से डटकर लड़ रही सेना

इग्नू के प्रोफेसर ने बताया कि उन्होंने इधर-उधर देखा तो उनका छोटा भाई पास के नाले में पड़ा था। उन्होंने कहा कि मैं जल्द ही बेहोश हो गया। उन्होंने बताया कि उन्हें आखिरकार अस्पताल ले जाया गया, पहले नौशेरा और फिर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और उनके सिर पर करीब आधा दर्जन टांके लगे। उन्होंने फेसबुक पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उनका पूरा परिवार इंडियन आर्मी में है।

मैंने सेना पर आंख मूंदकर भरोसा किया था – इग्नू प्रोफेसर

पोस्ट में कहा, ‘मुझे हमेशा इस बात पर गर्व रहा है। वर्दी, सेवा और बलिदान पर गर्व है। लेकिन आज, मैंने जो अनुभव किया, उसने उस गर्व को अंदर तक हिला दिया। बिना किसी कारण, बिना किसी सवाल के, मुझ पर हमला किया गया। मेरे सिर पर उन्हीं लोगों ने हथियार से वार किया, जिन पर मैंने कभी आंख मूंदकर भरोसा किया था। इसने मुझे एक भयानक सच्चाई का एहसास कराया। अगर सिस्टम चाहे तो वह किसी भी इंसान का एनकाउंटर कर सकता है। कोई भी माफी इस घाव को ठीक नहीं कर सकती। केवल एक ही सवाल रह गया है। क्या न्याय अब सिर्फ वर्दी का विशेषाधिकार बन गया है।’

इंडियन आर्मी ने क्या बयान दिया था?

इंडियन आर्मी ने इस घटना को एक झगड़ा बताया था, लेकिन साथ ही कहा कि सेना के पास एक गाड़ी में आतंकियों की संभावित गतिविधि के बारे में खुफिया रिपोर्ट थी और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। सेना ने यहां एक लिखित बयान में कहा, ‘एक घटना सामने आई है जिसमें राजौरी जिले में सेना के जवानों द्वारा कुछ व्यक्तियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई।’ इसमें आगे कहा गया है, ‘सेना को इस संवेदनशील क्षेत्र में एक वाहन में आतंकवादियों की संभावित गतिविधि के बारे में जानकारी मिली थी। तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। शुरुआती जानकारी से पता चलता है कि रोके जाने पर, व्यक्ति ने ड्यूटी पर तैनात सैनिकों का हथियार छीनने की कोशिश की और उनके साथ हाथापाई शुरू कर दी।’ हालांकि, जांच शुरू कर दी गई है और अगर कोई भी कर्मचारी दुर्व्यवहार का दोषी पाया जाता है तो मौजूदा कानून के मुताबिक सख्त एक्शन लिया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर…