राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ताओं के बीच मंगलवार (3 मई, 2022) को एक टीवी डिबेट के दौरान तीखी बहस छिड़ गई। इस दौरान, बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा , “अगर मेरे समय पर अवैध अतिक्रमण हुआ तो बुलडोजर चला दूंगा।”
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूरोप दौरे को लेकर टीवी चैनल आज तक पर एक डिबेट चल रही थी, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू के प्रवक्ता मौजूद थे। यूरोप दौरे के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा, “वो कौन सा पंजा था जो एक रुपये में 85 पैसे घिस लेता था?” पीएम के इस बयान को लेकर दोनों नेताओं के बीच बहस चल रही थी।
इस पर, राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता नवल किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर विदेश में जाकर इस तरह की बात करते हैं तो इससे यही बात समझ आती है कि पहले वे देश में देशवासियों के साथ झूठ बोलते थे और अब विदेश में जाकर देशवासियों के सामने झूठ बोलते हैं। वे ये बताना भूल गए कि जो भी भारतीय मूल के लोग बाहर दूसरे देशों में हैं वे यहां कि व्यवस्था का फायदा उठाकर ही वहां पर गए, गरीब लोगों ने थोड़े ही पलायन किया।
उन्होंने आगे कहा, “राजीव गांधी ने वहां बात कही एक रिपोर्ट के आधार पर कही और सच को स्वीकारा और उसका निदान खोजा। आज भाजपा डिजिटल भारत की बात करती है उसकी नींव तो राजीव गांधी ने ही रखी थी। ताली और थाली से अगर भाजपा काम चलाना चाहती है तो 2-3 साल और काम कर ले। जहां पर भी मुद्दों पर बात की गई वहां भाजपा अंतिम पंक्ति में दिखाई देती है। उनके साथ वही तीर खड़ा है जिसकी कोई कमान नहीं है। इधर से उधर झूलता रहता है। अगर राजनीति और विकास करना है तो बताएं देश को कि आपने नौकरी और रोजगार कितनी जगह पैदा किया है।”
इसके बाद एंकर ने बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला से आरजेडी के सवालों का जवाब देने के लिए कहा, लेकिन नवल किशोर लगातार बोलते रहे। इस पर पूनावाला ने तंज कसते हुए कहा, “अगर मेरे समय पर अवैध अतिक्रमण करेंगे तो बुलडोजर चला दूंगा, मतलब शब्दों का और तर्कों का।”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार में जो तलाक, तलाक, तलाक हुआ है, आपके चैनल और शो पर उनका निकाह फरमाया गया तो मैं तो बहुत खुश हूं। कम से कम आरजेडी कांग्रेस के बचाव में आ रही है या फिर आरजीडी इस कमेंट “भ्रष्टाचारी पंजा” को पर्सनल ले रही है। इन दो में से एक कारण हो सकता है। दूसरी बात मैं कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे जी की व्यथा समझता हूं। एक तरफ प्रधानमंत्री हैं जिन्हें जी-7 का न्यौता आता है और जो दूसरी तरफ हैं उनको नाइट क्लब का न्यौता आता है। एक पराक्रम और परिश्रम की बात करता है और जो दूसरा है वो पर्यटन और पार्टी की बात करता है। तो मैं इनकी व्यथा समझता हूं।”