CJI BR Gavai News: मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले निलंबित वकील राकेश किशोर को अपने किए पर कोई भी पछतावा नही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि परमात्मा ने बोला था इसलिए ऐसा किया। इस घटना के बाद राकेश किशोर के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने संविधान की कॉपी लेकर सोसायटी के गेट घेर लिए। परिसर में भारी पुलिस बल तैनात था।
निलंबित वकील राकेश किशोर ने टॉइम्स ऑफ इंडिया को बताया, “मैंने परमात्मा का काम किया है। यह दैवीय काम था। खजुराहो के एक मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति के पुनर्निर्माण की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए मुख्य न्यायाधीश गवई की टिप्पणी ने मुझे बहुत आहत किया। मैंने उसके अनुसार काम किया।” उन्होंने आगे कहा, “अगर परमात्मा मुझे दोबारा कहेंगे, तो मैं दोबारा काम करूंगा।” उन्होंने कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है।
सोसायटी में रहने वाले लोगों ने क्या बताया?
किशोर की ही सोसायटी में रहने वाले पुरुषोत्तम ने टॉइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें कोई हैरान नहीं हुई। उन्होंने पुलिस में पहले की गई शिकायत की एक कॉपी दिखाते हुए कहा, “यह पहली बार नहीं है जब उसने अराजकता फैलाई है। 2021 में भी कई लोगों ने उसके हिंसक व्यवहार के बारे में शिकायत की थी।” एक अन्य व्यक्ति कौशल ने बताया कि किशोर कभी सोसाइटी के रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन का सदस्य हुआ करता था। उन्होंने कहा, “मैं उसे ज्यादा अच्छी तरह से नहीं जानता था, लेकिन मैंने कुछ घटनाओं के बारे में सुना था। फिर भी, सुप्रीम कोर्ट में जो हुआ वह चौंकाने वाला है।”
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अपने निलंबन को लेकर क्या बोले राकेश किशोर
वहीं आईएएनएस से राकेश किशोर ने अपने निलंबन को लेकर कहा, “अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा के नेतृत्व वाली बार काउंसिल ने कल रात मुझे निलंबन का पत्र भेजा। मैं आपको वह पत्र दिखा सकता हूं। यह सिर्फ एक आदेश नहीं है, यह एक निरंकुश आदेश है।” उन्होंने आरोप लगाया कि उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “एडवोकेट एक्ट, 1961 की धारा 35 के तहत, अगर कोई कार्रवाई करनी है, तो पहले कारण बताओ नोटिस जारी करना होगा, उसके बाद अनुशासन समिति के समक्ष सुनवाई होगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने न तो मुझे बुलाया और न ही कोई समिति बनाई। अगर मैं इसे चुनौती दूंगा, तो कुछ नहीं होगा। न्याय सिर्फ उनके लोगों के पक्ष में होगा।” उन्होंने आगे कहा, “अगर उन्होंने मेरा करियर बर्बाद करने का फैसला कर लिया है, तो ऐसा ही हो।”
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