IED Naxal Attack Bijapur: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार को हुए एक बड़े बम धमाके में नक्सलियों ने जिला रिजर्व गार्ड के एक वाहन को आईईडी का इस्तेमाल कर उड़ा दिया। इस धमाके में सुरक्षा बल के 8 जवान और एक ड्राइवर की शहादत हुई है। जवान एक ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद वापस लौट रहे थे। यह बम धमाका बीजापुर जिले के बेदरे-कुटरू रोड पर हुआ।

इस घटना से एक दिन पहले ही सुरक्षा बलों के साथ हुए एनकाउंटर में छत्तीसगढ़ के बक्सर में सुरक्षा बलों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया था।

छत्तीसगढ़ के कई इलाके नक्सल प्रभावित हैं। पिछले साल द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा था कि 2026 तक राज्य से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी ऐसा ही दावा कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा था कि हमारी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ रही है और पिछले कुछ महीनों में कई नक्सलियों को ढेर किया जा चुका है। उन्होंने अनुरोध किया था कि नक्सली गोली और हथियार-बारूद छोड़कर विकास की मुख्य धारा में शामिल हो जाएं और आत्मसमर्पण कर दें।

नक्सलवाद से प्रभावित है बस्तर संभाग

छत्तीसगढ़ में 32 प्रतिशत आबादी आदिवासी है। छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग नक्सलवाद से प्रभावित है। खासकर इसके पांच जिले- सुकवार, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और कांकेर का कुछ हिस्सा। मुख्यमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान बताया था कि नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए हमने नियाद नेल्लनार योजना लागू की है, जिसका स्थानीय भाषा में अर्थ होता है ‘आपका अच्छा गांव’। उन्होंने कहा था कि इस योजना के तहत हम लगातार सुरक्षा शिविर खोल रहे हैं। अब तक हमने 34 सुरक्षा शिविर खोले हैं और हर शिविर में यह सुनिश्चित किया जाता है कि सरकार की योजनाएं शिविर के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी गांवों तक प्राथमिकता के आधार पर पहुंचें।

मुख्यमंत्री साय ने कहा था कि 34 शिविरों में लगभग 96 गांव शामिल किए गए हैं। सरकार इन गांवों में सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल टावर, राशन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य सरकारी योजनाएं प्राथमिकता के आधार पर पहुंचाई जा रही हैं। साय ने कहा था कि लोग इनका लाभ उठा रहे हैं और विकास की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं जबकि पहले इन इलाकों में कोई नहीं जाता था।

आईए एक नजर डालते हैं कि पिछले कुछ सालों में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने कौन-कौन से बड़े हमले किए हैं।

अप्रैल, 2021

बीजापुर और सुकमा जिलों की सीमा पर तेर्रम जंगलों में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में 22 सुरक्षाकर्मी मारे गए।

मार्च, 2018

सुकमा जिले में माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के नौ जवान शहीद हुए।

18 फरवरी, 2018

सुकमा के भेज्जी में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान शहीद हो गए।

24 अप्रैल, 2017

सुकमा में माओवादियों के साथ मुठभेड़ में सीआरपीएफ के 24 जवान शहीद हो गए।

12 मार्च, 2017

सुकमा में माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 12 जवानों ने शहादत दी।

11 मार्च, 2014

सुकमा जिले में माओवादी हमले में सुरक्षा बलों के 15 जवान मारे गए।

28 फरवरी, 2014

दंतेवाड़ा जिले में हुए माओवादी हमले में छह पुलिस अफसर मारे गए।

25 मई, 2013

दरभा घाटी में हुए माओवादी हमले में पूर्व राज्य मंत्री महेंद्र कर्मा सहित कांग्रेस के 25 नेता मारे गए थे।

29 जून, 2010

नारायणपुर जिले में माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए।

8 मई, 2010

बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा बुलेटप्रूफ वाहन में विस्फोट करने से सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गए।

6 अप्रैल, 2010

दंतेवाड़ा जिले में माओवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सीआरपीएफ के 75 जवान शहीद हो गए थे।

4 सितंबर, 2009

माओवादियों ने बीजापुर जिले में चार ग्रामीणों की हत्या कर दी थी।

27 जुलाई, 2009

दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों के द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी।

18 जुलाई, 2009

बस्तर जिले में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी।