ICICI-Videocon Case: आईसीआईसीई-वीडियोकॉन लोन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके परिवार से जुड़ी 78 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली। इसमें कोचर का मुंबई स्थित एक फ्लैट और उनके पति की कंपनी से जुड़ी कुछ प्रॉपर्टी शामिल है। मामले में ईडी और सीबीआई कोचर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है।
जांच एजेंसी ने जनवरी 2019 में केस दर्ज करने के बाद कोचर के खिलाफ अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी का कहना है कि कोचर और अन्य आठ लोगों ने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने में अनियमितताएं बरतीं गई थीं। जांच एजेंसी ने पिछले साल की शुरुआत में, कोचर उनके पति और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक केस दर्ज किया था।
यह केस 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने के मामले में कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए दर्ज किया गया था। कोचर के खिलाफ ईडी की यह कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर के तहत की गई है। सीबीआई भी इस मामले में अलग से जांच कर रही है। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा साल 2009 से अक्टूबर, 2011 के बीच वीडियोकॉन ग्रुप को 1,875 करोड़ रुपए के 6 लोन दिए गए थे। इस लोन में कथित भ्रष्टाचार की बात सामने आयी थी।
शिकायत के बाद इस मामले में एक एफआईआर दर्ज करायी गई थी। धूत ने कथित रूप से नू पावर रीन्यूवेबल्स लिमिटेड में अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी के जरिए से निवेश किया था जिसके बदले में कहा गया था कि चंदा कोचर आईसीआईसी बैंक से लोन को मंजूरी दिला देंगी।

