राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी नीति निर्माताओं और सरकार, व्यापार, शैक्षणिक और अनुसंधान समुदायों के हितधारकों से मुलाकात कर कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की। डोभाल 30 जनवरी से 1 फरवरी तक वॉशिंगटन डीसी के दौरे पर रहेंगे।
अजीत डोभाल और उनके अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (ICET) का उद्घाटन किया, जिसके समापन पर दोनों देशों के बीच इनोवेशन ब्रिज शुरू करने का फैसला किया गया। यह दोनों देशों के रक्षा स्टार्टअप को जोड़ेगा। इससे रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ेगा। एक बयान में कहा गया, “दोनों देश इस बात की पुष्टि करते हैं कि जिन तरीकों से प्रौद्योगिकी को डिजाइन और विकसित किया जाता है, उन्हें हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और सार्वभौमिक मानवाधिकारों के सम्मान द्वारा आकार दिया जाना चाहिए। हम आपसी विश्वास और भरोसे पर आधारित एक खुले, सुलभ और सुरक्षित प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थानों को मजबूती मिलेगी।”
बयान में यह भी कहा गया कि दोनों देशों ने हैकथॉन और पिच सेशन समेत प्रमुख क्षेत्रों में इनोवेशन ब्रिज स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया है। अमेरिका और भारत ने आईसीईटी के तहत एक स्थायी तंत्र के माध्यम से दोनों देशों में नियामक बाधाओं और व्यापार और प्रतिभा की गतिशीलता से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान के अनुसार, क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (ICET) बैठक में अमेरिका की ओर से नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के प्रशासक, नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक, नेशनल स्पेस काउंसिल के कार्यकारी सचिव और राज्य विभाग, वाणिज्य विभाग, रक्षा विभाग और राष्ट्रीय विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। वहीं, भारत की ओर से अमेरिका में भारतीय राजदूत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष, दूरसंचार विभाग के सचिव, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के महानिदेशक, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
ICET की घोषणा मई 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने को के लिए इसकी शुरुआत की गई।