देश में लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार बनी। अपनी सरकार बनने के एक महीने के अंदर ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सिविल सर्वेंट (नौकरशाहों) के लिए एजेंडा तय किए हैं। उन्हें एक तय सीमा के अंदर शासन में एक अहम बदलाव लाने के लिए आउट-ऑफ-द-बॉक्स विचारों को तैयार करने को कहा है। कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा ने मंगलवार को सचिवों के 10 समूहों का पुनर्गठन किया, जिसमें प्रत्येक मंत्रालय/विभाग के लिए वार्षिक उप-योजना, समयसीमा और लक्ष्य के लिए पांच वर्षीय विजन डॉक्यूमेंट को अंतिम रूप दिया। इससे पहले मोदी सरकार ने पहली बार वर्ष 2016 में शासन के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सचिवों के 10 समूहों का गठन किया था।

सरकार ने जिस 10 समूहों का पुनर्गठन किया गया है, वे ग्रामीण और कृषि, बुनियादी ढांचा, संसाधन, सामाजिक, कल्याण, वित्त, अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, शासन, सुरक्षा और विदेशी मामले पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके अलावा प्रत्येक समूह को कहा गया है कि वे सरकार के 100 दिन पूरा होने से पहले प्रत्येक मंत्रालय/विभाग के एक या दो प्रभावी फैसले को चिन्हित करें।

प्रत्येक समूह में एक सचिव होंगे और सदस्य के रूप में आठ से 10 अन्य सचिव शामिल होंगे। सभी समूहों को अपना रिपोर्ट एक महीने के भीतर तैयार करने को कहा गया है। इन 10 समूहों में से 9 में आईएएस ऑफिसर के होंगे और एक अन्य समूह जो टेक्नोलॉजी के लिए है, उसमें वैज्ञानिक शामिल होंगे।

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नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खारोला बुनियादी ढांचे, ग्रामीण विकास सचिव अमरजीत सिन्हा ग्रामीण और कृषि, उर्जा सचिव अजय कुमार भल्ला संसाधन, उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रह्मण्यम सामाजिक क्षेत्र, सामाजिक न्याय सचिव नीलम साहनी कल्याण, वित्तिय सेवा सचिव राजीव कुमार वित्त, कॉमर्स सचिव अनुप वधवान अर्थव्यवस्था, सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे शासन, रक्षा उत्पादन सचिव अजय कुमार सुरक्षा और विदेश तथा बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग की डॉ. रेणु स्वरूप प्रौद्योगिकी समूह का नेतृत्व करेंगी।