Kannan Gopinathan Joins Congress: 2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन ने सोमवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया। हालांकि, एक सेवारत सरकारी कर्मचारी के तौर पर उनकी स्थिति अभी भी साफ नहीं है। ऐसा इस वजह से क्योंकि 2019 में दिया गया उनकी इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं किया गया है। गोपीनाथन ने अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए बैन के विरोध में आईएएस से इस्तीफा दे दिया था।

डीओपीटी की तरफ से मिली रिकॉर्ड शीट में अभी तक उनकी स्थिति सेवारत ही दिखाई गई है। 21 नवंबर 2023 को आखिरी बार अपडेट किए गए रिकॉर्ड के मुताबिक, वह दादर और नागर हवेली में पावर डेवलेपमेंट सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं। अब बात नियम की करें तो यह साफ है कि सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो सकते या चुनाव नहीं लड़ सकते। सेंट्रल सिविल सर्विस (Conduct) नियम, 1964 के नियम 5 में कहा गया है, “कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनीतिक दल या राजनीति में भाग लेने वाले किसी भी संगठन का सदस्य या उससे संबद्ध नहीं होगा, न ही वह किसी भी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग लेगा और ना ही कोई चंदा नहीं देगा।”

क्या है सरकार की मंशा- गोपीनाथन

गोपीनाथन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मेरे इस्तीफे के स्वीकार होने की पुष्टि मेरे पास नहीं है। मुझे नहीं पता कि सरकार की मंशा क्या है, लेकिन छह साल तक मेरे इस्तीफे को लंबित रखने का नतीजा मुझे परेशान करना और मेरी विश्वसनीयता कम करने की कोशिश करना रहा है। इसने मुझे औपचारिक रूप से आगे बढ़ने से रोक दिया है।” जब उनसे नियमों के उल्लंघन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “वे क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकते हैं? मैंने अपना इस्तीफा पहले ही दे दिया है।”

गोपीनाथ ने कहा कि जब उन्होंने इस्तीफा दिया तो उनकी सैलरी रोक दी गई। हालांकि, वह कांग्रेस में शामिल हो गए। लेकिन जब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हो जाता है, तब तक वे चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। पिछले साल जब विनेश फोगाट हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुईं थी तो उन्होंने रेलवे से इस्तीफा दिया था। सितंबर 2024 में उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया था और रेल मंत्रालय ने तीन महीने की नोटिस अवधि माफ कर दी थी ताकि वह अक्टूबर 2024 में चुनाव लड़ सकें। उन्होंने जुलाना से बीजेपी उम्मीदवार को 6015 वोटों से हराया था।

लोकतंत्र के लिए निडर आवाज- केसी वेणुगोपाल

कांग्रेस में गोपीनाथन का स्वागत करते हुए केसी वेणुगोपाल ने कहा कि वह लोकतंत्र के लिए निडर आवाज है। केसी वेणुगोपाल ने कहा, “देश के दलित और हाशिए पर पड़े लोगों के प्रति जुनून रखने वाले और हमेशा न्याय और एकता के लिए लड़ने वाले बहादुर नौकरशाहों में से एक यही उनकी पहचान है। उनका जन्म केरल में हुआ था और उन्होंने पूर्वोत्तर देश के अन्य हिस्सों में काम किया है। गोपीनाथन का कांग्रेस पार्टी में शामिल होना एक स्पष्ट संदेश है कि यह एकमात्र ऐसी पार्टी है जो न्याय के लिए लड़ रही है और जिसकी विचारधारा बहुत स्पष्ट है। उन्होंने 2019 में इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है। न्याय और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए लड़ने वाले नौकरशाहों को सरकार द्वारा दंडित किया जा रहा है। यह घटना हरियाणा और मध्य प्रदेश दोनों में स्पष्ट है।”

गोपीनाथन से पहले जम्मू-कश्मीर के आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने 2019 में कश्मीर में लगातार हो रही हत्याओं के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी बनाई और अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक थे। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी याचिका और इस्तीफा वापस लेने का फैसला किया और 2022 में उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया।

कन्नन गोपीनाथन कौन हैं?

कन्नन गोपीनाथन इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के पूर्व अधिकारी हैं और केरल के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों के विरोध में सेवा से इस्तीफा दे दिया था। केरल के कोट्टायम जिले में जन्मे गोपीनाथन ने कोट्टायम आने से पहले अपनी शिक्षा पलक्कड़ में हासिल की। गोपीनाथन ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की। उनकी शादी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हिमानी पाठक से हुई है।

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