वायुसेना की महिला पायलट ने 17 हजार फीट पर उड़ान भर कर कई लोगों की जिंदगी को बचा लिया। महिला पायलट ने ऐसी जगह पर खतरे का सामना किया जहां पर अन्य क्षेत्रों के मुकाबले रिस्क कई गुना ज्यादा होता है। महिला पायलट का नाम सुरभि सक्सेना है। वहीं इस पूरे मिशन में वायुसेना पायलट और डिप्टी कमिशनर अन्वी लवासा ने उनका नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने कागजी कार्रवाई को जल्द से जल्द निपटाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया। मामला 18 जुलाई का है जब लेह लद्दाख के स्टोक कांगरी में पर्वतारोहियों का समूह भारी बर्फबारी की वजह से बर्फ की चट्टानों की बीच फंस गया था।

पर्वतारोहियों ने जिस रस्सी को पकड़ा था उनका हाथ उससे फिसल गया था। हालांकि पर्वतारोहियों ने किसी तरह एक चट्टान के सहारे खुद को बर्फाबारी से बचा लिया। इस दौरान दो लोगों घायल हो गए थे। जिसके बाद वहां मौजूद गाइड और बेस कैम्प में मौजूद लोगों ने जिला प्रशासन को इमरजेंसी कॉल कर घटना की सूचना दी।

इसके बाद लेह की डिवीजनल कमिशनर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए इंडियन एयर फोर्स की मदद मांगी। हालांकि इस बीच गाइड टकपा नोरबू ने सभी घायल हुए दोनों शख्स को एक मैदानी इलाके में पहुंचा दिया। इसके बाद सुरभइ सकेस्ना हेलिकॉप्टर लेकर आई और उन्हें रेसक्यू कर सुरक्षित स्थान पर ले गईं।

गाइड ने बताया कि ‘महिला पायलट के जज्बे को देखते हुए मेरे अंदर भी जज्बा आया। खास बात यह थी कि पायलट एक महिला थी। वहीं एक ट्रेकिंग कंपनी की ऑर्गनाइजर जायो ताशी नुरबू जे कहा ‘मैंने कई रेसक्यू देखें हैं लेकिन ये अबतक का सबसे कठिन रेसक्यू था। आमतौर पर हम देखते हैं कि ट्रेकिंग के दौरान 1 शख्स क फंसना आम बात है लेकिन 6 लोगों की एकसाथ एक ही समय पर मदद करना बेहद ही मुश्किल टॉस्क था।