वायुसेना प्रमुख ने कहा कि इंडियन एयर फोर्स नए ढांचे के निर्माण के विरोध में नहीं है। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय वायुसेना प्रस्तावित थियेटरीकरण योजना के तहत नई संरचनाओं के निर्माण के विरोध में नहीं है लेकिन इसे पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में एक अलग चर्चा में सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि उन्हें थिएटर कमांड स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से नए सबक मिले हैं जिन्हें नई संरचनाओं में शामिल किया जाएगा। तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल के लिए एक नया ढांचा बनाने का कोई भी निर्णय राष्ट्रीय हित पर आधारित होगा। एसीएम सिंह ने ड्रोन के उपयोग से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए एक संयुक्त संरचना बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जिसमें अर्धसैनिक बल और नागरिक संस्थाएं भी शामिल हों।

मैं यह नहीं कह रहा कि हमें किसी और ढांचे की जरूरत नहीं- वायुसेना प्रमुख

रक्षा पोर्टल भारत शक्ति द्वारा आयोजित इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव में उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा कि हमें किसी और ढाँचे की ज़रूरत नहीं है लेकिन मेरा नज़रिया यह है कि किसी और जगह मौजूद ढांचे के आधार पर यह न कहें कि यह हमारे लिए उपयुक्त होगा।” एपी सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर तीनों सेनाओं के तालमेल का प्रतिबिंब था। उन्होंने आगे कहा, “हो सकता है कि इस बार हमारे आपसी तालमेल ने काम किया हो, कल हो सकता है कि ऐसा न हो क्योंकि हम सब इंसान हैं। थोड़े-बहुत मतभेद रखने वाले लोग होंगे अगर कोई औपचारिक ढांचा होगा तो इससे हमें मदद मिलेगी।”

भारतीय वायुसेना ने इससे पहले सितंबर में एयर चीफ मार्शल सिंह के साथ थिएटर कमांड के प्रस्तावित निर्माण पर आपत्ति जताई थी और योजना को जल्दबाजी में लागू करने के प्रति आगाह किया था। उन्होंने तीनों सेनाओं के बीच दिल्ली में एक संयुक्त योजना और समन्वय केंद्र बनाने पर जोर दिया था। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बोलते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि इसने वायु शक्ति की प्रधानता की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “जब मैं वायु शक्ति की बात करता हूं तो मैं सिर्फ़ वायु सेना की बात नहीं कर रहा हूं। हम वायु माध्यम की बात कर रहे हैं।” वैश्विक संघर्षों में ड्रोन के बढ़ते उपयोग के बारे में उन्होंने कहा कि वे एक निश्चित स्तर तक तो काम कर सकते हैं लेकिन युद्ध जीतने में मदद नहीं कर सकते।

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