कांग्रेस अध्यक्ष और गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया है कि कांग्रेस के लिए चुनाव जीतने के बावजूद वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने से चूक गए। बेंगलुरु के विजयपुरा में एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में 1999 में पार्टी को सत्ता में लाने की अपनी कोशिशों को याद किया, लेकिन इसके बदले एस.एम. कृष्णा को मुख्यमंत्री बनते देखा।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने विजयपुरा में एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं कांग्रेस विधायक दल का नेता बना और अपनी तरफ से पूरी कोशिश की और हमारी पार्टी सत्ता में आई। हालांकि, एसएम कृष्णा जो सिर्फ चार महीने पहले ही हमारे साथ आए थे, को मुख्यमंत्री बना दिया गया।’ खड़गे ने आगे अफसोस जताया कि उनकी सारी मेहनत बेकार गई। उन्होंने कहा, ‘मैंने पांच साल कड़ी मेहनत की थी। अपने दिल में कभी लालच नहीं रखना चाहिए, अगर आप ऐसा करेंगे तो आपको वो नहीं मिलेगा जो आप चाहते हैं।’

स्वामी जी मेरी सेवा व्यर्थ चली गई – खड़गे

खड़गे ने कार्यक्रम में मौजूद बेलीमथा महासंस्थान के प्रमुख से कहा, ‘स्वामीजी, मेरी सेवा व्यर्थ चली गई।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं, लेकिन उन सभी के बारे में एक साथ बात करना उचित नहीं होगा। खड़गे ने ब्लॉक अध्यक्ष से लेकर एआईसीसी अध्यक्ष तक की अपनी राजनीतिक यात्रा पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने कभी सत्ता का पीछा नहीं किया, बल्कि यह स्वाभाविक रूप से उनके पास आई।

उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने उठाए सवाल

कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा विजयपुरा में दिए गए बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्होंने उन्हें सुना ही नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने भी विपक्ष के नेता के रूप में काम किया है। वे विधानसभा में विपक्ष के नेता थे और मैं तीन बार विधान परिषद में इस पद पर रह चुका हूं। हमने हमेशा अपनी जिम्मेदारियां निभाई हैं।’

कर्नाटक के 16वें मुख्यमंत्री थे एसएम कृष्णा

बता दें कि एसएम कृष्णा कर्नाटक के 16वें मुख्यमंत्री थे और उन्होंने अक्टूबर 1999 में पद ग्रहण किया था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 224 में से 132 सीटें जीती थीं। खड़गे ने एस.एम. कृष्णा और उनके बाद के कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में काम किया। यह जब तक जारी रहा जब तक उन्होंने 2009 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा और उन्हें केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री नियुक्त नहीं किया गया। इससे लगभग एक साल पहले उन्होंने केंद्रीय रेल और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री के तौर पर भी काम किया। जयपुर में पहलगाम हमले को लेकर खड़गे बोले- हम सरकार के साथ…